Tuesday, 23 December 2025

स्वदेशी चेतना के साथ चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव का राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने किया शुभारंभ, कहा– स्वदेशी से ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त


स्वदेशी चेतना के साथ चित्तौड़गढ़ में राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव का राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने किया शुभारंभ, कहा– स्वदेशी से ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त

चित्तौड़गढ़। मेवाड़ की शौर्यभूमि चित्तौड़गढ़ में मंगलवार को राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव का भव्य शुभारंभ स्वदेशी चेतना, सांस्कृतिक गौरव और आत्मनिर्भर भारत के संदेश के साथ हुआ। राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने उद्घाटन समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि जब भारतीयों का स्वाभिमान बढ़ेगा, तब स्वदेशी भावना स्वतः सशक्त होगी और स्वदेशी से ही आत्मनिर्भर भारत का मार्ग प्रशस्त होगा। उन्होंने स्वदेशी उत्पादों को अपनाने का आह्वान करते हुए उपस्थित जनसमूह को स्वदेशी का संकल्प भी दिलाया।

राज्यपाल ने कहा कि वीरों, भामाशाहों और स्वाभिमान की भूमि मेवाड़ से स्वदेशी महोत्सव के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत का संदेश जाना अत्यंत प्रेरक पहल है। सुभाष चौक से इंदिरा गांधी स्टेडियम तक निकली रंग-बिरंगी भव्य शोभायात्रा ने पूरे चित्तौड़गढ़ को स्वदेशी के रंग में रंग दिया। उन्होंने कहा कि स्वदेशी के माध्यम से विदेशी वस्तुओं के गुणवत्तापूर्ण, सस्ते और टिकाऊ विकल्प प्रस्तुत कर विदेशी कंपनियों के वर्चस्व को समाप्त किया जा सकता है।

राज्यपाल हरिभाऊ बागडे ने भारत के गौरवशाली इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि रावलपिंडी और तक्षशिला हमारी ऐतिहासिक विरासत हैं और रावलपिंडी का नाम चित्तौड़गढ़ के महानायक बप्पा रावल के नाम पर है। उन्होंने कहा कि भारत आज विश्वगुरु बनने की दिशा में अग्रसर है। एक समय देश को गेहूं आयात करना पड़ता था, लेकिन आज 140 करोड़ जनता का पेट भरने के बाद भी भारत अनाज का निर्यात कर रहा है, जो स्वदेशी की ताकत का प्रमाण है। भारत का विश्व की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनना भी स्वदेशी अवधारणा का ही परिणाम है।

राज्यपाल ने 1905 में प्रारंभ हुए स्वदेशी आंदोलन के 120 वर्ष पूर्ण होने के बाद भी पूर्ण स्वदेशी न बन पाने को चिंतन का विषय बताया। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की ओजस्वी कविता की पंक्तियों के माध्यम से चित्तौड़गढ़ के जौहर, त्याग और अमर बलिदान का स्मरण किया और कहा कि यह ज्वाला आज भी चित्तौड़ की मिट्टी और जन-जन के संस्कारों में जीवित है।

स्वागत उद्बोधन में स्थानीय सांसद चन्द्र प्रकाश जोशी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वदेशी के प्रति समर्पण और प्रेरणा का मूर्त रूप ही चित्तौड़गढ़ में आयोजित यह राष्ट्रीय स्वदेशी महोत्सव है। उन्होंने छह दिवसीय इस आयोजन को स्वदेशी भावना को समर्पित बताते हुए कहा कि स्वदेशी से आत्मनिर्भर बनने का मंत्र आज भारत को विश्व पटल पर सशक्त पहचान दिला रहा है।

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