



जयपुर। महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल (एमएमपीएस), उदयपुर की टीम ‘ट्रैश टू ट्रेजर’ ने जेके लक्ष्मीपत यूनिवर्सिटी (JKLU) द्वारा आयोजित “माय सिटी, माय लैब” आइडियाथॉन 2025 के दूसरे संस्करण में प्रथम स्थान हासिल कर बड़ी उपलब्धि दर्ज की है। टीम को ₹1,00,000 का नकद पुरस्कार प्रदान किया गया। यह राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता थी, जिसमें देशभर से 250 से अधिक विद्यार्थियों ने भाग लिया।
एमएमपीएस उदयपुर की विजेता टीम ने वॉटर हायसिंथ (जलकुंभी) से बायोडिग्रेडेबल सैनिटरी नैपकिन बनाने का अभिनव और पर्यावरण-अनुकूल विचार प्रस्तुत किया। यह आइडिया न केवल महिला स्वास्थ्य से जुड़ा है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी एक प्रभावी समाधान माना गया, जिसके चलते फाइनल राउंड में इसे सर्वाधिक अंक प्राप्त हुए।
यह आइडियाथॉन संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों (SDGs) से जुड़ी वास्तविक सामाजिक समस्याओं के समाधान खोजने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। 21 दिसंबर को जेकेएलयू परिसर में आयोजित पुरस्कार समारोह में विजेता टीमों को सम्मानित किया गया।
कोलकाता की लक्ष्मीपत सिंघानिया अकादमी की टीम ‘ऑक्सीलियम’ को पहला उपविजेता घोषित किया गया। टीम ने दूर-दराज के क्षेत्रों में स्वास्थ्य जांच के लिए एआई आधारित डायग्नोस्टिक ब्रीफकेस विकसित किया और ₹75,000 का नकद पुरस्कार जीता। वहीं, दूसरा उपविजेता पुरस्कार दिल्ली पब्लिक स्कूल, इंदौर की टीम ‘इकोस्प्राउट’ को मिला, जिसने नर्सरी में प्लास्टिक उपयोग कम करने के लिए बायोडिग्रेडेबल नर्सरी मोल्ड तैयार किया। टीम को ₹50,000 की पुरस्कार राशि दी गई।
विजेता टीमों को कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कालीचरण सराफ, पूर्व चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री, राजस्थान सरकार और विशिष्ट अतिथि रमेश चंद्र सैनी द्वारा पुरस्कार प्रदान किए गए। इस अवसर पर कालीचरण सराफ ने कहा कि जेकेएलयू आइडियाथॉन का एसडीजी से जुड़ा होना अत्यंत सराहनीय है और यहां प्रस्तुत विचार यह सिखाते हैं कि सच्चा विकास वही है जो समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचे।
जेकेएलयू के कुलपति प्रो. विजयशेखर चेल्लाबोइना ने बताया कि विश्वविद्यालय अपने अटल इनोवेशन सेंटर के माध्यम से कुछ चुने हुए विचारों को जमीन पर उतारने में सहयोग करेगा। उन्होंने कहा कि इस प्रतियोगिता के माध्यम से जेकेएलयू जिम्मेदार और सामाजिक सरोकारों से जुड़े नवाचारकों को तैयार कर रहा है। तीन महीनों तक चली इस प्रतियोगिता के तीन चरणों में 250 से अधिक प्रतिभागियों में से 11 टीमों ने फाइनल राउंड में जगह बनाई। गौरतलब है कि 2024 में आयोजित पहले संस्करण में चिन्मय इंटरनेशनल रेजिडेंशियल स्कूल, कोयंबटूर की टीम वायुनिग्रह ने पहला स्थान हासिल किया था।