



जयपुर। विधायक निधि में कथित भ्रष्टाचार के मामले में राजस्थान विधानसभा की सदाचार कमेटी ने बड़ा और अहम फैसला लिया है। कमेटी ने स्टिंग से जुड़े वीडियो क्लिप और ऑडियो रिकॉर्डिंग को फॉरेंसिक जांच के लिए एफएसएल भेजने का निर्णय किया है। अब पुलिस का एफएसएल विभाग इन इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की वैज्ञानिक जांच करेगा, ताकि उनकी सत्यता की पुष्टि की जा सके।
सूत्रों के अनुसार, स्टिंग करने वाले पत्रकार ने इस मामले से जुड़े अहम दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य सदाचार कमेटी को सौंप दिए हैं। अब तक की प्रारंभिक जांच में दो विधायकों के खिलाफ पुख्ता सबूत मिलने की बात भी सामने आ रही है, जिससे सियासी गलियारों में हलचल तेज हो गई है।
राजस्थान विधानसभा में कैलाश वर्मा की अध्यक्षता में सदाचार कमेटी की बैठक आयोजित की गई, जिसमें आगे की कार्रवाई पर विस्तार से चर्चा हुई। कमेटी ने निर्णय लिया है कि विधायक निधि में कथित कमीशनखोरी के आरोपों का सामना कर रहे तीन विधायकों—रेवंतराम डांग, ऋतु बनावत और अनीता जाटव—को नए साल में 6 जनवरी को विधानसभा में फिर से पेश होना होगा। इसके लिए तीनों विधायकों को औपचारिक नोटिस जारी कर दिए गए हैं।
कमेटी के समक्ष तीनों विधायकों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अपना पक्ष रखना होगा। सदाचार कमेटी का कहना है कि जांच प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता के साथ आगे बढ़ाई जाएगी।
इसके अलावा 7 जनवरी को जयकृष्ण पटेल को भी सदाचार कमेटी के समक्ष पेश होने के निर्देश दिए गए हैं। जयकृष्ण पटेल पर विधानसभा में सवाल पूछने के बदले घूस लेने के गंभीर आरोप हैं। इस संबंध में भी कमेटी ने उन्हें नोटिस जारी कर दिया है।
सदाचार कमेटी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि FSL रिपोर्ट आने के बाद अगला कदम स्पष्ट होगा और दोष सिद्ध होने की स्थिति में संबंधित विधायकों के खिलाफ कड़ी अनुशासनात्मक कार्रवाई की जा सकती है। यह मामला प्रदेश की राजनीति में शुचिता और पारदर्शिता के लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है।