



राजधानी जयपुर में शिक्षकों की भारी कमी एक बार फिर उजागर हुई है। हैरान करने वाली बात यह है कि जिला शिक्षा विभाग को लेवल-1 शिक्षक की तत्काल आवश्यकता पड़ने पर पूरे जयपुर जिले में एक भी उपलब्ध अध्यापक नहीं मिला, जिसके चलते मजबूरन भीलवाड़ा से एक शिक्षक को बुलाना पड़ा।
जयपुर जैसे बड़े जिले में शिक्षकों का इस स्तर पर ना मिलना न सिर्फ शिक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को दर्शाता है, बल्कि यह भी साफ करता है कि प्राथमिक शिक्षा की बुनियाद कितनी कमजोर हो चुकी है।
शिक्षा विभाग के अधिकारियों के अनुसार, कई स्कूलों में एकल शिक्षक व्यवस्था, रिक्त पदों की अधिकता और स्थानांतरण के बाद खाली पड़े पद स्थिति को और गंभीर बना रहे हैं। लेवल-1 शिक्षकों की कमी का सीधा असर नर्सरी से लेकर प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों के सीखने के परिणामों पर पड़ रहा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह स्थिति आने वाले समय में बड़े शैक्षणिक संकट का कारण बन सकती है। प्राथमिक स्तर पर अध्यापक उपलब्ध नहीं होने से शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी और स्कूलों में पढ़ने वाले हज़ारों बच्चों की सीखने की क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
फिलहाल भीलवाड़ा से बुलाए गए शिक्षक को जयपुर में अस्थायी तौर पर तैनात कर दिया गया है, लेकिन यह स्थिति इस बात की चेतावनी है कि राज्य को प्राथमिक शिक्षा में शिक्षक भर्ती और तैनाती की नीति को नए सिरे से देखना होगा।
