



नई दिल्ली स्थित मैक्स मल्टी स्पेशियलिटी सेंटर, पंचशील पार्क के डॉक्टर्स ने एक अत्यंत जटिल सर्जरी कर 33 वर्षीय आईटी प्रोफेशनल की आंखों के पीछे छिपा खतरनाक ऑर्बिटल ट्यूमर सफलतापूर्वक निकालकर उनकी रोशनी बचा ली। शुरुआती जांच में यह समस्या थायरॉइड से जुड़ी सामान्य आंख की परेशानी लग रही थी, लेकिन जब मरीज की दाईं आंख तेज़ी से बाहर की तरफ निकलने लगी और दर्द बढ़ता गया, तब विशेषज्ञों ने उसे गंभीर मानकर विस्तृत जांच की।
मरीज गुप्ता की दाईं आंख में बढ़ती सूजन और बाहर की ओर उभराव (यूनिलैटरल प्रॉप्टोसिस) को प्रारंभ में थायरॉइड-संबंधी रोग माना गया, क्योंकि उनकी रिपोर्ट में हल्की गड़बड़ थी। परंतु जब इलाज के बावजूद स्थिति बिगड़ती गई, तो उन्होंने मैक्स पंचशील पार्क में डॉ. रितुराज बरूआ, एसोसिएट डायरेक्टर, ऑप्थैल्मोलॉजी से दूसरी राय ली।
एडवांस्ड स्कैन में पता चला कि आंख के पीछे 2.5 x 2.0 x 1.5 सेमी का अंगूर के आकार का ट्यूमर मौजूद था, जो ऑप्टिक नर्व पर दबाव डालकर आंख को आगे धकेल रहा था। डॉ. बरूआ के अनुसार, यदि इस दबाव को समय रहते नहीं हटाया जाता, तो मरीज की दृष्टि स्थायी रूप से जा सकती थी।
जटिल ऑपरेशन के दौरान सर्जन टीम ने आंख की हड्डी के बाहरी हिस्से का एक छोटा टुकड़ा अस्थायी रूप से हटाकर ट्यूमर तक पहुंच बनाई। अत्यंत सावधानी से ट्यूमर को नसों को क्षति पहुंचाए बिना निकाला गया और हड्डी को वापस फिक्स कर दिया गया। सौभाग्य से यह बेनाइन (गैर-कैंसरस) ट्यूमर निकला और मरीज तेजी से रिकवर हो रहे हैं।
यह मामला दर्शाता है कि आंखों से जुड़े समस्याओं को हल्के में नहीं लेना चाहिए। यदि शुरुआती लक्षणों में सुधार न हो, तो स्पेशलिस्ट से सलाह लेना और गहराई से जांच कराना आवश्यक है। समय पर सही निदान और उपचार ने मैक्स मल्टी स्पेशियलिटी सेंटर की टीम को मरीज की रोशनी सुरक्षित रखने में सक्षम बनाया।