



जयपुर के सवाई मानसिंहअस्पताल के ट्रॉमा सेंटर का मुख्य सचिव वी. श्रीनिवासन ने आज औचक दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने ट्रॉमा सेंटर की मौजूदा सुविधाओं, कार्यप्रणाली और मरीजों को उपलब्ध चिकित्सा सेवाओं का बारीकी से जायजा लिया। उन्होंने कहा कि सेंटर में मौजूद कमियों को तत्काल प्राथमिकता से दूर किया जाए और एक ऐसा सुदृढ़ मैनेजमेंट प्लान तैयार किया जाए जो ट्रॉमा मरीजों को समय पर और प्रभावी इलाज सुनिश्चित कर सके।
मुख्य सचिव वी. श्रीनिवासन ने ट्रॉमा सेंटर में बने वार्ड, इमरजेंसी ब्लॉक, सर्जरी यूनिट, ऑपरेशन थिएटर, वेटिंग हॉल और जांच संबंधी यूनिट्स का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए कि मरीज हित में सभी व्यवस्थाओं को और बेहतर एवं सुव्यवस्थित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों से मौजूदा चुनौतियों, स्टाफ की कमी, तकनीकी जरूरतों और ऑपरेशन क्षमता के संबंध में विस्तृत रिपोर्ट तैयार कर प्रस्तुत करने के लिए कहा।
निरीक्षण के दौरान पीडब्ल्यूडी के एसीएस प्रवीण गुप्ता, स्वास्थ्य विभाग प्रमुख शासन सचिव गायत्री ए. राठौड़, मेडिकल एजुकेशन विभाग के अधिकारी, अस्पताल प्रशासन और वरिष्ठ डॉक्टर्स मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने स्पष्ट निर्देश दिया कि ट्रॉमा सेंटर में वार्ड बॉय, लैब टेक्नीशियन, नर्सिंग स्टाफ, रेजिडेंट डॉक्टर्स और सीनियर डॉक्टर्स की 24 घंटे उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, ताकि किसी भी समय मरीजों को उपचार में देरी न हो।
एसएमएस ट्रॉमा सेंटर पिछले कुछ समय से सुर्खियों में बना हुआ था—विशेषकर अक्टूबर में लगी आग और जयपुर शहर में बढ़ते सड़क हादसों के मद्देनज़र ट्रॉमा सुविधाओं को लेकर सवाल उठे थे। मरीजों को उपलब्ध सुविधाओं, स्टाफ की वर्किंग और सेंटर की समग्र व्यवस्था को लेकर उठी चिंताओं के बाद सरकार ने कई स्तरों पर कार्रवाई शुरू की है। ट्रॉमा सेंटर के इंचार्ज समेत कुछ अधिकारियों में परिवर्तन भी किए गए हैं।
मुख्य सचिव वी. श्रीनिवासन के इस निरीक्षण को ट्रॉमा सेंटर के पुनर्गठन और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है, जिससे SMS अस्पताल में आपातकालीन चिकित्सा सेवाओं को मजबूत आधार मिल सकेगा।