



जयपुर। भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी ने विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर कांग्रेस द्वारा किए जा रहे विरोध पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस लगातार देशभर में चुनावी हार का सामना कर रही है—चाहे हरियाणा, महाराष्ट्र, दिल्ली या बिहार जैसे राज्य हों। जनाधार घटने के बाद अब कांग्रेस भ्रम फैलाने का सहारा ले रही है। परनामी ने कहा कि पहले कांग्रेस ईवीएम पर सवाल उठाती थी, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के स्पष्ट दिशानिर्देशों के बाद उसने ईवीएम का मुद्दा छोड़कर अब एसआईआर को लेकर विरोध शुरू कर दिया है।
परनामी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस को अपने “बांग्लादेशी और रोहिंग्या घुसपैठियों” के नाम मतदाता सूची से हट जाने की चिंता है, इसी कारण वह एसआईआर का विरोध कर रही है। उन्होंने कहा कि विपक्ष का काम सिर्फ विरोध और आंदोलन करना नहीं, बल्कि विकास के लिए रचनात्मक सुझाव देना है। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में इतने विकास कार्य किए हैं कि कांग्रेस के पास अब कोई ठोस मुद्दा ही नहीं बचा है। ऐसे में मुद्दा-विहीन कांग्रेस जनता को भ्रमित करने में लगी है।
भाजपा नेता परनामी ने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं को आंदोलन करने के बजाय बिहार चुनाव में करारी हार की समीक्षा करनी चाहिए। युवा कांग्रेस का जयपुर में हुआ प्रदर्शन चंद मिनटों में समाप्त हो गया, जो यह दिखाता है कि जनता कांग्रेस के साथ नहीं है और अब उसके बहकावे में आने को तैयार भी नहीं है।
एसआईआर को लेकर परनामी ने स्पष्ट किया कि यह प्रक्रिया केवल एक शुद्ध, निष्पक्ष और पारदर्शी मतदाता सूची सुनिश्चित करने के लिए चलाई जा रही है। इसके तहत मृतक वोटर, गलत पते वाले, प्रवासी और दोहरी प्रविष्टियों को हटाया जाता है ताकि केवल पात्र मतदाता ही सूची में बने रहें। उन्होंने दावा किया कि एसआईआर से कांग्रेस को इसलिए डर लग रहा है क्योंकि इसमें उसके “फर्जी वोटरों” के नाम कटने की संभावना है।
पूर्व प्रदेशाध्यक्ष ने कहा कि भारत का चुनावी तंत्र दुनिया का सबसे पारदर्शी तंत्र है और भारतीय जनता प्रधानमंत्री मोदी पर अटूट विश्वास करती है। एसआईआर जैसे कदम इस विश्वास को और मजबूत करते हैं। उन्होंने सभी नागरिकों से अपील की कि वे एसआईआर प्रक्रिया में सहयोग करें, ताकि मतदाता सूची और ज्यादा विश्वसनीय बन सके और लोकतंत्र और अधिक मजबूत हो सके।
परनामी ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर भी तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि गहलोत, भजनलाल शर्मा सरकार के दो वर्षों में हुए तेज विकास कार्यों को पचा नहीं पा रहे हैं। डबल इंजन सरकार ने राजस्थान में नए विकास आयाम स्थापित किए हैं। गहलोत के कार्यकाल में पेपर लीक और युवाओं के साथ छल हुआ, जबकि वर्तमान सरकार के दो साल में एक भी पेपर लीक नहीं हुआ।
उन्होंने कहा कि ईआरसीपी जैसी महत्वपूर्ण योजना पर गहलोत सरकार ने पांच वर्षों तक कुंडली मारकर रखी, जबकि भजनलाल शर्मा सरकार ने इसे धरातल पर उतारने का कार्य किया। परनामी ने बताया कि राइजिंग राजस्थान में 35 लाख करोड़ के एमओयू साइन हुए, जिनमें से करीब 7 लाख करोड़ का निवेश धरातल पर उतारा गया।
परनामी ने आरोप लगाया कि गहलोत अपने कार्यकाल में जनता से ज्यादा अपनी सरकार बचाने में व्यस्त रहे और भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे रहे। अब जब भजनलाल सरकार जनकल्याणकारी कार्य कर रही है, तो गहलोत इन उपलब्धियों को पचा नहीं पा रहे। प्रेसवार्ता में भाजपा प्रदेश महामंत्री श्रवण सिंह बगड़ी, प्रदेश कार्यालय प्रभारी मुकेश पारीक और भाजपा युवा मोर्चा प्रदेशाध्यक्ष अंकित चेची भी उपस्थित रहे।