



जयपुर। राज्य सरकार की योजनाओं में पारदर्शिता और जवाबदेही बनाए रखने की दिशा में शिक्षा विभाग ने सख्त कार्रवाई की है।पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत दूध पाउडर के दुरुपयोग और अनियमितताओं की शिकायतों की प्रारंभिक जांच में पांच शिक्षकों को दोषी पाए जाने पर तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।
निलंबित शिक्षकों में —शीला बलाई, शिक्षिका (राजकीय प्राथमिक विद्यालय, जाटों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर),सुरेश कुमार, प्रबोधक (राजकीय प्राथमिक विद्यालय, नागणेसियों की ढाणी, गंगावास, कल्याणपुर),मंगलाराम, वरिष्ठ अध्यापक (राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय, भारी नगर, बावड़ी, जोधपुर),पप्पाराम गोदारा, व्याख्याता (राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय, नागाणा फाटा, बालोतरा),राजेश मीणा, प्रधानाचार्य (मनमोरों की ढाणी) शामिल हैं।
शिक्षकों पर दूध पाउडर के दुरुपयोग का आरोप
शिक्षा विभाग के अनुसार, इन शिक्षकों पर बाल पोषण हेतु भेजे गए दूध पाउडर का अनुचित उपयोग और वितरण में लापरवाही बरतने के आरोप हैं। पन्नाधाय बाल गोपाल योजना के तहत छोटे बच्चों को पोषणयुक्त दूध पाउडर उपलब्ध कराया जाता है, ताकि स्कूली बच्चों में कुपोषण की समस्या को कम किया जा सके।
विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्कूल शिक्षा निदेशालय, बीकानेर के अधीनतीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया है।यह समिति दूध पाउडर वितरण से जुड़े दस्तावेज, स्कूल स्तर पर उपभोग रजिस्टर और अभिलेखों का सत्यापन करेगी। समिति को चार दिनों में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जांच रिपोर्ट आने के बाद दोषी अधिकारियों या शिक्षकों के खिलाफ कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। प्रदेशभर में इसी तरह की अनियमितताओं को रोकने के लिए विभाग ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों (DEO) और खंड शिक्षा अधिकारियों (BEO) को तीन दिन के भीतर सत्यापित निरीक्षण रिपोर्ट भेजने के आदेश दिए हैं।
शिक्षा विभाग ने सभी पंचायत प्रारंभिक शिक्षा अधिकारियों और शहरी क्लस्टर शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने-अपने क्षेत्र के कम से कम दो विद्यालयों का गहन निरीक्षण करेंऔर मध्याह्न भोजन या पोषण सामग्री वितरण से संबंधित गतिविधियों की रिपोर्ट प्रस्तुत करें।