



राजस्थान सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा के दो-दो नगर निगमों के विलय (मर्जर) के बाद इन निगमों में प्रशासक नियुक्त कर दिए हैं। यह निर्णय ऐसे समय में लिया गया है जब इन निगमों के बोर्ड का कार्यकाल 9 नवंबर 2025 को समाप्त हो रहा है। इसके बाद से ही संबंधित संभागीय आयुक्त प्रशासक के रूप में इन नगर निगमों का कामकाज संभालेंगे।
सूत्रों के अनुसार, यह पहली बार है जब प्रदेश में शहरी सरकार की कमान वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों यानी संभागीय आयुक्तों को सौंपी गई है। इससे पहले तक यह जिम्मेदारी जिला कलक्टर या नगर निगम के कमिश्नर को दी जाती रही है।
राज्य सरकार फिलहाल ‘वन स्टेट, वन इलेक्शन’ (One State, One Election) के सिद्धांत पर काम कर रही है। इसी नीति के तहत सरकार चाहती है कि प्रदेश के सभी नगरीय निकायों के चुनाव एक साथ कराए जाएं। यही कारण है कि जहां-जहां निकायों का कार्यकाल पूरा हो रहा है, वहां प्रशासक तैनात किए जा रहे हैं।
स्वायत्त शासन निदेशालय (DLB) के सूत्रों के मुताबिक, इस साल दिसंबर 2025 में 50 नगरीय निकायों का कार्यकाल पूरा होगा, जबकि जनवरी 2026 में 90 निकायों और फरवरी 2026 में एक निकाय का कार्यकाल समाप्त होगा।
इसका अर्थ यह है कि फरवरी 2026 तक प्रदेश की सभी शहरी निकायों में बोर्डों का कार्यकाल पूरा हो जाएगा, जिसके बाद राज्य सरकार एक साथ सभी निकायों के चुनाव कराने की दिशा में कदम उठा सकती है। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि इस निर्णय से न केवल प्रशासनिक समन्वय आसान होगा, बल्कि चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और समानता भी सुनिश्चित की जा सकेगी।
