भारत ने दिल्ली टेस्ट में वेस्टइंडीज को 7 विकेट से हराकर दो मैचों की सीरीज 2-0 से अपने नाम कर ली।
पहले अहमदाबाद टेस्ट को पारी और 140 रन से जीतने के बाद टीम इंडिया ने दिल्ली में भी अपना विजयी सिलसिला बरकरार रखते हुए सीरीज में क्लीन स्वीप पूरा किया।
यह जीत भारतीय क्रिकेट के लिए कई मायनों में खास रही।
यह शुभमन गिल की कप्तानी में भारत की पहली टेस्ट सीरीज जीत है और साथ ही यह जीत टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर के लिए उनके 43वें जन्मदिन (14 अक्टूबर) पर एक शानदार तोहफे के रूप में आई है।
दिल्ली के फिरोजशाह कोटला मैदान पर खेले गए दूसरे टेस्ट में भारत ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 5 विकेट पर 518 रन बनाकर पारी घोषित की।
इस पारी के हीरो रहे यशस्वी जायसवाल, जिन्होंने शानदार 175 रन बनाए, जबकि कप्तान शुभमन गिल ने नाबाद शतक लगाकर अपनी कप्तानी को यादगार बना दिया।
वेस्टइंडीज की पहली पारी भारत की स्पिन और स्विंग गेंदबाजी के सामने 248 रन पर ढेर हो गई।
टीम इंडिया ने फॉलोऑन देने का फैसला किया, लेकिन वेस्टइंडीज ने दूसरी पारी में बेहतर प्रदर्शन करते हुए 390 रन बनाए।
इस बार जॉन कैंपबेल और शे होप ने शानदार शतक जड़े और भारत को 121 रन का लक्ष्य दिया।
भारत ने लक्ष्य का पीछा करते हुए तीन दिन के भीतर ही मुकाबला अपने नाम कर लिया।
रन चेज में केएल राहुल नाबाद 58 रन (108 गेंद) बनाकर टीम को जीत की मंजिल तक ले गए।
भारतीय गेंदबाजी की रीढ़ बने कुलदीप यादव, जिन्होंने अपनी स्पिन जादूगरी से पहली पारी में 5 विकेट चटकाए और पूरे मैच में कुल 8 विकेट झटके।
उनके अलावा रवींद्र जडेजा और जसप्रीत बुमराह ने 4-4 जबकि मोहम्मद सिराज ने 3 विकेट हासिल किए।
भारत की गेंदबाजी ने वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों को दोनों पारियों में दबाव में रखा, जिससे जीत का रास्ता आसान हुआ।
भारत को यह टेस्ट सीरीज जीत लगभग 378 दिन बाद मिली है।
पिछली बार भारत ने 1 अक्टूबर 2024 को बांग्लादेश के खिलाफ सीरीज जीती थी।
वेस्टइंडीज के खिलाफ यह जीत न केवल भारत की लगातार घरेलू दबदबे की पुष्टि करती है, बल्कि युवा कप्तान शुभमन गिल के नेतृत्व में टीम इंडिया के नए युग की शुरुआत का संकेत भी देती है।
इस जीत को टीम इंडिया ने हेड कोच गौतम गंभीर के लिए खास बना दिया।
गंभीर ने सोमवार को अपना 43वां जन्मदिन मनाया और उसी दिन भारत ने दिल्ली टेस्ट जीतकर सीरीज पर कब्जा किया।
गंभीर ने मैच के बाद कहा —
“यह जीत मेरे लिए किसी गिफ्ट से कम नहीं। टीम के खिलाड़ियों ने जिस आत्मविश्वास और अनुशासन से खेल दिखाया, वह भारतीय क्रिकेट के सुनहरे भविष्य की झलक है।”