



जयपुर।पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने राजमाता विजयाराजे सिंधिया की जयंती पर श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए कहा कि उन्होंने अपना पूरा जीवन जनसेवा, राष्ट्रभक्ति और मातृभूमि के उत्थान के लिए समर्पित किया। राजे ने कहा कि राजमाता जी उनके लिए ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए प्रेरणास्रोत रही हैं।
वसुंधरा राजे ने सोशल मीडिया के माध्यम से अपने संदेश में लिखा कि राजमहल के सुख-वैभव और ऐश्वर्य को त्यागकर राजमाता विजयाराजे सिंधिया जी ने समाज सेवा और राष्ट्र निर्माण को अपने जीवन का उद्देश्य बनाया। उन्होंने सदैव समाज के अंतिम व्यक्ति तक विकास, सम्मान और आत्मनिर्भरता की भावना पहुँचाने का कार्य किया।”
राजनीति को सेवा का माध्यम मानने वाली अद्वितीय नेता
वसुंधरा राजे ने कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया ने राजनीति को सेवा का माध्यम मानते हुए इसे समाज कल्याण का उपकरण बनाया।
उन्होंने महिलाओं को नेतृत्व और राष्ट्रनिर्माण में भागीदारी के लिए प्रेरित किया तथा गरीबों, वंचितों और पीड़ितों की आवाज़ बनकर उनके अधिकारों की रक्षा के लिए जीवनभर कार्य किया। राजे ने कहा कि राजमाता जी का जीवन सादगी, त्याग, तपस्या और अटूट राष्ट्रनिष्ठा का जीवंत उदाहरण है, जिसने भारतीय राजनीति में एक अमिट आदर्श स्थापित किया।
नई पीढ़ी के लिए प्रेरणा का स्रोत
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि राजमाता विजयाराजे सिंधिया के विचार, मूल्य और सिद्धांत आने वाली पीढ़ियों के लिए सदैव प्रेरणास्रोत रहेंगे।
उन्होंने कहा कि आज जब देश आत्मनिर्भर भारत के मार्ग पर अग्रसर है, तब राजमाता जी का जीवन हमें यह सिखाता है कि सच्ची राजनीति का अर्थ सेवा, समर्पण और समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंचना है।