



जयपुर। राजस्थान में नकली दवाओं को लेकर बड़ा प्रशासनिक कदम उठाते हुए ड्रग कंट्रोलर राजाराम शर्मा को निलंबित कर दिया गया है। विभागीय जांच में खुलासा हुआ कि शर्मा ने नकली दवाओं के मामलों में न केवल आंकड़ों में हेरफेर किया, बल्कि लोकसभा, नीति आयोग और अन्य संस्थाओं को अलग-अलग डेटा भी भेजा।
जांच में सामने आया कि अधिकारी नकली दवाओं को लेकर नई परिभाषा गढ़कर आंकड़ों को तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत कर रहे थे। विधानसभा में भी गलत आंकड़े भेजने की तैयारी थी, लेकिन उससे पहले ही विभागीय जांच में यह मामला उजागर हो गया।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त शासन सचिव निशा मीणा ने आदेश जारी कर राजाराम शर्मा को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया। आदेश में स्पष्ट कहा गया कि यह कार्रवाई विभागीय जांच में गड़बड़ी सामने आने के बाद की गई है।
स्वास्थ्य विभाग ने एक अलग आदेश में सहायक औषधि नियंत्रक मनोज धीर को उनके वर्तमान कार्य के साथ-साथ औषधि नियंत्रक द्वितीय का अतिरिक्त कार्यभार सौंपा है।
नकली दवाओं का मुद्दा लंबे समय से प्रदेश में चिंता का विषय रहा है। विभागीय अधिकारी पर ही नकली दवाओं को बचाने और आंकड़े बदलने का आरोप लगना, स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की गड़बड़ियां मरीजों की जान से सीधा खिलवाड़ हैं और इस पर कठोर कार्रवाई जरूरी है।
