जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नवरात्र के अवसर पर अपनी जीवनशैली को पूर्णतः आध्यात्मिक और अनुशासित रूप दिया है। मुख्यमंत्री शर्मा इन दिनों केवल नींबू पानी और नारियल पानी पर ही निर्भर हैं। सीएमओ की ओर से जारी जानकारी के शर्मा ने पिछले आठ महीनों से अन्न का त्याग कर रखा है। उनका मानना है कि इस त्याग ने न केवल उनके कार्य की गति को और तेज किया है, बल्कि स्वास्थ्य पर भी सकारात्मक असर डाला है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि उपवास केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं है, बल्कि यह एक गहन आध्यात्मिक तपस्या है। उनके अनुसार, नवरात्र का यह व्रत शरीर से अधिक मन और आत्मा की शुद्धि का माध्यम है। यह आत्म-अनुशासन का पर्व है, जो उन्हें आत्मबल और एकाग्रता प्रदान करता है।
सीएमओ द्वारा दी गई जानकारी के मुताबिक, नवरात्रों के दौरान भी मुख्यमंत्री शर्मा की व्यस्तता बनी हुई है। वे अब तक 42 से अधिक कार्यक्रमों में शामिल हो चुके हैं, जिनमें उद्घाटन, शिलान्यास और अवलोकन शामिल हैं। इनमें से करीब 18 कार्यक्रम जयपुर से बाहर आयोजित हुए, जिनमें वे सक्रिय रूप से शामिल हुए।