भारतीय खेल प्राधिकरण (SAI) की ओर से जारी इंस्पेक्शन रिपोर्ट में साफ कहा गया है कि एथलेटिक्स, हॉकी और फुटबॉल मैदानों पर फ्लड लाइट लगाना अनिवार्य है। बिना फ्लड लाइट के इन खेलों का आयोजन मान्य नहीं होगा। आयोजक अब सोच रहे हैं कि इन कामों को ओवरलेज के तहत कराया जाए ताकि बजट पर अतिरिक्त दबाव न पड़े।
हॉकी प्रतियोगिताओं का आयोजन SMS स्टेडियम के एस्ट्रो टर्फ मैदान पर होगा। हालांकि यहां फ्लड लाइट के अलावा चेंजिंग रूम और खिलाड़ियों के लिए टॉयलेट जैसी बेसिक सुविधाएं भी बनानी होंगी।
पूर्णिमा यूनिवर्सिटी और जेसीआरसी यूनिवर्सिटी के मैदानों को फुटबॉल के लिए उपयुक्त बताया गया है। लेकिन दोनों जगह फ्लड लाइट नहीं हैं। SAI ने इन्हें भी जरूरी सुविधाओं के साथ फ्लड लाइट लगाने की शर्त पर ही फिट माना है।
एथलेटिक्स प्रतियोगिताओं का आयोजन SMS स्टेडियम के एथलेटिक ट्रैक पर होगा। इसे आयोजन के लिए उपयुक्त माना गया है, लेकिन यहां भी फ्लड लाइट्स और अन्य कई इंफ्रास्ट्रक्चर सुधार जरूरी बताए गए हैं। भरतपुर का लोहागढ़ स्टेडियम वैकल्पिक स्थल के रूप में प्रस्तावित था, लेकिन SAI ने इसे अनुपयुक्त करार दिया है।
विशेषज्ञों और आयोजकों का कहना है कि बजट को लेकर यदि जल्द समाधान नहीं निकाला गया तो आयोजन की गुणवत्ता प्रभावित हो सकती है। KIUG जैसे राष्ट्रीय स्तर के आयोजन में बुनियादी ढांचा मजबूत करना अनिवार्य है, ताकि राजस्थान पहली बार इस बड़े टूर्नामेंट की मेजबानी में सफल साबित हो।