हैदराबाद। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने शुक्रवार को हैदराबाद स्थित हाइटेक सिटी का दौरा किया और टी-हब की नवाचार-उन्मुख क्षमताओं का अवलोकन किया। उन्होंने कहा कि जयपुर अब आईटी और आईटीईएस का ‘राइजिंग हब’ बन चुका है, जहां देश-विदेश की प्रमुख कंपनियां आईटी पार्क जयपुर, उदयपुर और महिंद्रा वर्ल्ड सिटी से कार्य कर रही हैं।
मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि रिप्स-2024 के अंतर्गत आईटी और आईटीईएस प्रोजेक्ट्स को तीन तरह के एसेट-क्रिएशन इंसेंटिव विकल्प दिए जा रहे हैं—7 वर्षों तक 75% एसजीएसटी प्रतिपूर्ति,20% कैपिटल सब्सिडी, या 1.4% टर्नओवर-लिंक्ड इंसेंटिव। एक बार विकल्प चुनने पर यह लाभ 10 वर्षों तक लागू रहेगा। उन्होंने कहा कि यह नीति निवेशकों और स्टार्टअप्स को राजस्थान आने के लिए प्रेरित करेगी।
मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में अब तक 429 से अधिक औद्योगिक क्षेत्र विकसित किए जा चुके हैं। रीको की डायरेक्ट लैंड अलॉटमेंट नीति के तहत "राइजिंग राजस्थान योजना" के एमओयू धारकों को औद्योगिक भूखंड आरक्षित दरों पर उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
वर्तमान में प्रत्यक्ष भूमि आवंटन का पांचवां चरण चल रहा है।79 औद्योगिक क्षेत्रों में 7 हजार भूखंड आवंटन के लिए उपलब्ध हैं।अब तक 1,232 उद्यमियों को भूमि उपलब्ध कराई गई है।
मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि राजस्थान 33 गीगावॉट सौर ऊर्जा स्थापित क्षमता के साथ देश में प्रथम स्थान पर है। लगभग 27 लाख करोड़ रुपये के नवीकरणीय ऊर्जा प्रोजेक्ट्स विभिन्न चरणों में चल रहे हैं। राज्य की नीति निवेशकों को क्लीन एनर्जी, बैटरी स्टोरेज और ग्रीन टेक्नोलॉजी में निवेश करने के लिए प्रोत्साहित करती है।
मुख्यमंत्री ने आईटी कंपनियों के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर उन्हें राजस्थान में निवेश के लिए आमंत्रित किया। उन्होंने प्रवासी राजस्थानियों और निवेशकों से आह्वान किया कि वे राज्य के विकास, तकनीकी नवाचार और सामाजिक प्रगति में सक्रिय भागीदारी निभाएं।
इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य राज्य मंत्री के.के. विश्नोई और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।