लेह। लद्दाख के प्रसिद्ध सामाजिक और पर्यावरण कार्यकर्ता सोनम वांगचुक को शुक्रवार को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। सरकार ने वांगचुक को हाल ही में लेह में भड़की हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया है। हालांकि, अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि उनकी गिरफ्तारी किन धाराओं में हुई है। लद्दाख के सोशल एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को शुक्रवार को अरेस्ट कर लिया गया। उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल लाया गया है। सरकार ने वांगचुक पर लेह में दो दिन पहले हुई हिंसा का जिम्मेदार माना था। जबकि लेह में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं।
लेह में 24 सितंबर को प्रदर्शन उस समय हिंसक हो गया जब हजारों लोग लद्दाख को पूर्ण राज्य का दर्जा और छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग लेकर सड़कों पर उतरे। भीड़ और पुलिस के बीच हुई झड़प में चार युवाओं की मौत हो गई और करीब 80 लोग घायल हुए, जिनमें 40 पुलिसकर्मी भी शामिल थे। अब तक पुलिस ने 60 से अधिक आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
गृह मंत्रालय के अनुसार, वांगचुक के उकसाने वाले भाषणों ने भीड़ को हिंसा के लिए प्रेरित किया। इसके बाद उनके खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई। उनकी NGO SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh) का FCRA लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है। वहीं, प्रशासन ने दावा किया कि पुलिस ने आत्मरक्षा में गोलीबारी की जब प्रदर्शनकारी हिंसक हो गए।
वांगचुक की गिरफ्तारी के बाद उनके समर्थक और कई सामाजिक संगठनों ने इस कदम की कड़ी निंदा की है। उनकी पत्नी ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उन्हें अपराधी की तरह पेश किया और उनके घर की तलाशी लेकर सामान जब्त किया। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार स्थानीय जनजातीय अधिकारों और स्वायत्तता की मांगों को अनसुना कर रही है।
लेह में लगातार तीसरे दिन कर्फ्यू लागू है। स्कूल-कॉलेज बंद कर दिए गए हैं और बाजार पूरी तरह सन्नाटे में हैं। प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए है, लेकिन तनाव अब भी बरकरार है।