Sunday, 28 September 2025

डोटासरा का हमला — PM के बांसवाड़ा दौरे पर विवादित टिप्पणी: अतिवृष्टि पीड़ितों के लिए पैकेज न होने पर नाराजगी, जीएसटी व परियोजनाओं पर सवाल


डोटासरा का हमला — PM के बांसवाड़ा दौरे पर विवादित टिप्पणी: अतिवृष्टि पीड़ितों के लिए पैकेज न होने पर नाराजगी, जीएसटी व परियोजनाओं पर सवाल

जयपुर। राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष गोविन्द सिंह डोटासरा ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बांसवाड़ा दौरे और नापला में दिए गए भाषण पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की। डोटासरा ने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि से जबरदस्त नुकसान हुआ है — खेत, बागान और फसलें बह गईं, मकान व मवेशी क्षतिग्रस्त हुए और सरकार के आँकड़ों के अनुसार 200 से अधिक लोगों की मृत्यु हुई — ऐसे में प्रधानमंत्री द्वारा किसी विशेष सहायता पैकेज की घोषणा नहीं होना निराशाजनक है। 

उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी ने अपनी सभा में केवल पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकारों का कोसना किया और जीएसटी सुधारों पर खुद की तारीफ करते हुए उन नीतियों के गलत क्रियान्वयन एवं लोगों को हुए आर्थिक नुकसान की जिम्मेदारी स्वीकार नहीं की। डोटासरा ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने मानगढ़ को राष्ट्रीय स्मारक घोषित करने या बांसवाड़ा-रतलाम रेल परियोजना के रद्द होने के कारण बताने जैसे संवेदनशील मुद्दों पर कोई बात नहीं की, जबकि ये परियोजनाएँ स्थानीय विकास और वांगड़ क्षेत्र के लिये महत्वपूर्ण थीं और इनमें काम पहले यूपीए सरकार के शासनकाल में भी शुरू हुआ था।

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री ने राजस्थान में पेपर लीक, जल जीवन मिशन में कथित भ्रष्टाचार और महिला सुरक्षा के मामलों का जिक्र किया पर देशभर में यूजीसी नेट, नीट व अन्य परीक्षाओं में पेपर लीक के मामलों पर चुप्पी साधे रखा। उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस शासन के दौरान लागू किए गए नकल-विरोधी कानूनों का उल्लेख करते हुए कहा कि राजस्थान में उस समय बनाए गए कानूनों का मॉडल बाद में केंद्र ने भी अपनाया था। 

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा ने नेताजी नेहरू के देश निर्माण के उदाहरण देकर दावा किया कि स्वतंत्रता के बाद बड़े बुनियादी ढाँचे, शिक्षा तथा स्वास्थ्य संस्थान बनाने में कांग्रेस की भूमिका निर्णायक रही, जबकि मोदी सरकार पर उन्होंने नोटबंदी, गलत जीएसटी लागू करने और किसानों के विरुद्ध बताए गए तीन कृषि कानूनों को लागू करने के लिए आलोचना की। 

अख़िरकार डोटासरा ने आदिवासी अधिकारों के मुद्दे पर भी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि यूपीए काल में आदिवासियों को वन भूमि व उपज पर अधिकार दिए गए थे पर वर्तमान शासन ने उन अधिकारों को कम कर विज्ञापित औद्योगिक हितों को बढ़ावा दिया जिससे आदिवासियों का विस्थापन बढ़ा। डोटासरा ने कहा कि प्रधानमंत्री का दौरा और भाषण प्रदेश की पीड़ाओं पर संवेदनशीलता न दिखाने वाला रहा और वे जल्द पीड़ितों के लिए ठोस राहत पैकेज की मांग करते हैं।

Previous
Next

Related Posts