भरतपुर के मोती महल में झंडा लगाने को लेकर पूर्व राजपरिवार में तनाव बढ़ गया है। पूर्व मंत्री और राजपरिवार के वरिष्ठ सदस्य विश्वेंद्र सिंह ने ऐलान किया है कि वे बसंत पंचमी पर मोती महल जाएंगे और झंडा अवश्य लगेगा। उन्होंने साफ कहा कि वे परिवार के साथ नहीं बल्कि “जनता और सरदारी” के साथ खड़े हैं।
राजपरिवार के ही सदस्य अनिरुद्ध सिंह ने महल की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई और कहा कि “महल पर कोई भी झंडा सुरक्षित नहीं है।” उन्होंने मोती महल गेट तोड़े जाने और झंडा लगाने की कोशिश करने वालों पर भगत सिंह बिरहरू, संतोष फौजदार, दिनेश सिनसिनी, दौलत फौजदार, अतेन्द्र और कैलाश सहित 7 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
पुलिस जाब्ता हटने के बाद देर रात मनुदेव सिनसिनी गाड़ी से मोती महल का गेट तोड़कर अंदर घुस गए। उनके हाथ में भरतपुर का रियासतकालीन झंडा था। उन्होंने झंडा लगाने का प्रयास किया लेकिन कर्मचारियों ने विरोध किया। आरोप है कि इस दौरान मनुदेव ने कर्मचारियों पर गाड़ी चढ़ाने की कोशिश भी की।
सोमवार को सिनसिनी गांव में पंचायत बुलाई गई। इसमें विश्वेंद्र सिंह ने फोन पर संबोधित करते हुए कहा कि “बसंत पंचमी को महल जाऊंगा और झंडा लगेगा।” पंचायत में यह घोषणा भी हुई कि जिस दिन वे जाएंगे, उसी दिन झंडा भी लगाया जाएगा।
मनुदेव ने पंचायत में कहा कि “पुरखों के सम्मान के लिए ऐसी गलती बार-बार करूंगा।” उन्होंने अनिरुद्ध सिंह पर आरोप लगाया कि वे पुरखों को गाली दे रहे हैं और तिरंगे के पीछे छिपकर चालाकी कर रहे हैं। पंचायत में मनुदेव का सम्मान किया गया और शौर्य ध्वज रैली निकाली गई।
विश्वेंद्र सिंह ने अनिरुद्ध सिंह की एफआईआर पर सवाल उठाते हुए कहा – “महल मेरे नाम, जमीन मेरे नाम, यह लड़का कौन होता है एफआईआर लिखवाने वाला?” उन्होंने कहा कि दरवाजा तोड़ने पर न तो मनुदेव को कुछ होगा और न किसी और को। पंचायत में यह भी दावा किया गया कि दो लड़कों को पुलिस ने डिटेन किया है, जिस पर विश्वेंद्र ने पुलिस से बात करने का आश्वासन दिया।
एसपी ने बताया कि विश्वेंद्र सिंह की ओर से कोई रिपोर्ट दर्ज नहीं कराई गई है। उन्होंने कहा कि स्थिति पर नजर रखी जा रही है और गश्त बढ़ा दी गई है।
पंचायत में घोषणा की गई कि अगली बड़ी सभा और रैली 25 दिसंबर, महाराजा सूरजमल बलिदान दिवस पर होगी। विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि राष्ट्रीय ध्वज के ऊपर या नीचे कोई दूसरा ध्वज लगाना संभव नहीं था, लेकिन अपने पुरखों के सम्मान में “झंडा जरूर लगेगा।”