Thursday, 18 September 2025

MLSU कुलपति सुनीता मिश्रा के औरंगजेब बयान पर विवाद : छात्रों का विरोध, जाति मंत्री ने कहा– बर्खास्त करो, राजभवन ने गठित की जांच कमेटी


MLSU कुलपति सुनीता मिश्रा के औरंगजेब बयान पर विवाद : छात्रों का विरोध, जाति मंत्री ने कहा– बर्खास्त करो, राजभवन ने गठित की जांच कमेटी

उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी (MLSU), उदयपुर में कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा द्वारा औरंगजेब को ‘कुशल शासक’ बताने वाले बयान से उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। बयान के बाद छात्रों और संगठनों के विरोध के बीच कुलपति ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है, लेकिन मामला और गरमा गया है।

विवाद की शुरुआत और माफी: 12 सितंबर को MLSU में आयोजित ‘विकसित भारत का रोडमैप विषयक सेमिनार में कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने औरंगजेब को कुशल प्रशासक बताया। इस पर छात्रों और स्थानीय संगठनों ने कड़ा विरोध शुरू कर दिया।

छात्र पिछले तीन दिनों से विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। दबाव बढ़ने पर कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मेरे बयान से मेवाड़ की जनता और राजपूत समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है, इसके लिए मैं क्षमा मांगती हूं।” उन्होंने कहा कि मेरा इरादा किसी को आहत करने का नहीं था। मेरा वक्तव्य तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैं अहिन्दी भाषी हूं, जिसके कारण गलतफहमी हुई।”

जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कुलपति के बयान को माओवादी विचारधारा से प्रेरित बताते हुए उनकी बर्खास्तगी की मांग: जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कुलपति के बयान को माओवादी विचारधारा से प्रेरित बताते हुए उनकी बर्खास्तगी की मांग की। उन्होंने कहा किऔरंगजेब तलवार और कुरान के सहारे धर्म परिवर्तन कराता था, इसे कुशल प्रशासन कैसे कह सकते हैं ?उन्हें मेवाड़ के राणा सांगा का इतिहास पढ़ना चाहिए।

खराड़ी ने यह भी आरोप लगाया कि कुलपति ने आदिवासी छात्रों से दुर्व्यवहार किया और उन्हें अपने पालतू कुत्तों की देखभाल के लिए मजबूर किया।

करणी सेना की चेतावनी:श्री राजपूत करणी सेना ने भी कुलपति के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। संगठन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर चेतावनी दी कि यदि कुलपति को तत्काल नहीं हटाया गया तो वे उदयपुर बंद का आह्वान करेंगे। करणी सेना ने इसे राजपूत समुदाय और मेवाड़ की अस्मिता पर हमला बताया।

राजभवन की जांच कमेटी:विवाद बढ़ने पर राजभवन ने पांच सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है। यह कमेटी उदयपुर संभागीय आयुक्त की अध्यक्षता में कार्य करेगी। राज्यपाल सचिवालय ने आदेश जारी कर निर्देश दिया कि कमेटी जल्द से जल्द जांच कर रिपोर्ट सौंपे।


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