उदयपुर। मोहनलाल सुखाड़िया यूनिवर्सिटी (MLSU), उदयपुर में कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा द्वारा औरंगजेब को ‘कुशल शासक’ बताने वाले बयान से उठा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। बयान के बाद छात्रों और संगठनों के विरोध के बीच कुलपति ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी है, लेकिन मामला और गरमा गया है।
छात्र पिछले तीन दिनों से विश्वविद्यालय परिसर में प्रदर्शन कर रहे हैं। दबाव बढ़ने पर कुलपति प्रो. सुनीता मिश्रा ने बुधवार को एक वीडियो जारी कर माफी मांगी। उन्होंने कहा कि मेरे बयान से मेवाड़ की जनता और राजपूत समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है, इसके लिए मैं क्षमा मांगती हूं।” उन्होंने कहा कि मेरा इरादा किसी को आहत करने का नहीं था। मेरा वक्तव्य तोड़-मरोड़कर पेश किया गया। मैं अहिन्दी भाषी हूं, जिसके कारण गलतफहमी हुई।”
जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कुलपति के बयान को माओवादी विचारधारा से प्रेरित बताते हुए उनकी बर्खास्तगी की मांग: जनजाति विकास मंत्री बाबूलाल खराड़ी ने कुलपति के बयान को माओवादी विचारधारा से प्रेरित बताते हुए उनकी बर्खास्तगी की मांग की। उन्होंने कहा किऔरंगजेब तलवार और कुरान के सहारे धर्म परिवर्तन कराता था, इसे कुशल प्रशासन कैसे कह सकते हैं ?उन्हें मेवाड़ के राणा सांगा का इतिहास पढ़ना चाहिए।”
खराड़ी ने यह भी आरोप लगाया कि कुलपति ने आदिवासी छात्रों से दुर्व्यवहार किया और उन्हें अपने पालतू कुत्तों की देखभाल के लिए मजबूर किया।