नई दिल्ली। कांग्रेस सांसद और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को ‘वोट चोरी’ पर प्रेस कॉन्फ्रेंस की। यह इस विषय पर उनकी दूसरी प्रेस वार्ता थी। इससे पहले उन्होंने 7 अगस्त को भी मीडिया से बात की थी। इस बार राहुल ने 31 मिनट का प्रजेंटेशन दिया और आरोप लगाया कि चुनाव आयोग कांग्रेस के वोटर्स को टारगेट कर रहा है और उनके नाम जानबूझकर वोटर्स लिस्ट से डिलीट किए जा रहे हैं।
राहुल अपने साथ कर्नाटक के कुछ वोटर्स को भी लेकर आए जिनके नाम मतदाता सूची से हटा दिए गए थे।
उन्होंने कर्नाटक के आलंद विधानसभा क्षेत्र का उदाहरण दिया।
उन्होंने दावा किया कि 2023 के चुनाव में 6,018 वोट डिलीट करने की कोशिश हुई थी। एक बूथ-लेवल ऑफिसर (BLO) ने देखा कि उसके चाचा का नाम वोटर लिस्ट से हटा दिया गया है। जांच में पता चला कि फर्जी लॉगिन के जरिए यह काम हुआ।
प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान 63 वर्षीय गोदावाई का वीडियो दिखाया गया। उन्होंने कहा कि मेरा वोट डिलीट कर दिया गया और मुझे कोई जानकारी नहीं थी। मेरे नाम से फर्जी लॉगिन बनाकर 12 वोट डिलीट किए गए।
राहुल ने कहा कि वोट डिलीट करने के लिए अन्य राज्यों से ऑपरेट हो रहे मोबाइल नंबर का इस्तेमाल किया गया। उन्होंने प्रजेंटेशन में ऐसे नंबर भी दिखाए और बताया कि गोदावाई के पड़ोसियों के 12 वोट भी इन्हीं नंबरों से डिलीट किए गए।
राहुल के आरोपों को चुनाव आयोग ने गलत और निराधार बताया। आयोग ने कहा:कोई भी आम नागरिक ऑनलाइन किसी का भी वोट डिलीट नहीं कर सकता। किसी का नाम डिलीट करने से पहले संबंधित व्यक्ति को अपनी बात रखने का अवसर दिया जाता है।”
राहुल ने मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि वे उन ताकतों की रक्षा कर रहे हैं, जिन्होंने भारतीय लोकतंत्र को कमजोर किया है। उन्होंने दावा किया कि महाराष्ट्र, हरियाणा और उत्तर प्रदेश में भी यही प्रक्रिया चल रही है।
Election Commission of India must stop protecting Vote Chors.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 18, 2025
They should release all incriminating evidence to Karnataka CID within 1 week. #VoteChoriFactory pic.twitter.com/Abiy1OHLQP