सीकर खाटू श्याम जी। धार्मिक नगरी खाटू श्याम जी में पुजारी सेवक महासंघ द्वारा द्वितीय प्रांतीय महाधिवेशन का आयोजन किया जा रहा है। यह दो दिवसीय महाधिवेशन 18 और 19 सितंबर को आयोजित होगा। महाधिवेशन का स्थल श्री श्याम चेरिटेबल ट्रस्ट, जयपुर वालों की धर्मशाला (राजकीय अस्पताल के पास) तय किया गया है। इस महाधिवेशन में राजस्थान के करीब 5000 पुजारी शामिल होंगे, साथ ही मध्य प्रदेश और गुजरात सहित अन्य राज्यों से भी पुजारी प्रतिनिधि भाग लेंगे।
महाधिवेशन का उद्देश्य: इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य मंदिरों और उनमें सेवा-पूजा करने वाले सेवायत/पुजारियों की समस्याओं पर गहन चर्चा करना और उनके समाधान हेतु ठोस सुझाव सरकार तक पहुँचाना है। सनातन संस्कृति के संरक्षक माने जाने वाले सेवायत/पुजारी वर्तमान समय में आर्थिक, प्रशासनिक और सुरक्षा से जुड़ी चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों के अराजकीय मंदिरों में कार्यरत पुजारी दो समय की पूजा-अर्चना के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं।
महाधिवेशन की प्रमुख मांगें: इस महाधिवेशन में सरकार के समक्ष निम्नलिखित 10 प्रमुख मांगें रखी जाएंगी: अराजकीय भूमिहीन मंदिरों के पुजारियों को 30,000 रुपए प्रतिमाह सहयोग राशि एवं पूजा-सामग्री उपलब्ध कराई जाए। राजस्थान सेवायत/पुजारी कल्याण बोर्ड का पुनर्गठन शीघ्र किया जाए। भोग राशि (वंशानुगत वार्षिकी) 10,000 रुपए प्रतिमाह सुनिश्चित की जाए। पुजारियों को किसानों जैसी कृषि योजनाओं का लाभ (किसान सम्मान निधि, फसल ऋण, सब्सिडी आदि) दिया जाए।
सेवायत/पुजारी प्रोटेक्शन बिल लागू कर उनकी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। देवस्थान विभाग की सूची में शामिल 48,466 ग्रामीण मंदिरों के पट्टे वंशानुगत पुजारियों को दिए जाएं। सभी अराजकीय मंदिरों को बिजली-पानी की निशुल्क सुविधा दी जाए। मंदिर माफी भूमि को फार्मर रजिस्ट्री में सम्मिलित किया जाए। मंदिर संपत्ति विवादों के निपटारे के लिए विशेष "मंदिर ट्रिब्यूनल" का गठन किया जाए। सेवायत/पुजारी कल्याण कोष का गठन कर आर्थिक संकटग्रस्त पुजारियों को राहत दी जाए।
महाधिवेशन के मुख्य संयोजक और खाटू श्याम जी मंदिर सेवायत महंत मोहन सिंह दास महाराज का संदेश: महाधिवेशन के मुख्य संयोजक और खाटू श्याम जी मंदिर सेवायत महंत मोहन सिंह दास महाराज ने कहा कि "श्याम बाबा की पावन भूमि पर सेवायत/पुजारियों के कल्याण की चर्चा करना दैवीय इच्छा का प्रतीक है। आज ग्रामीण मंदिरों की स्थिति चिंताजनक है, सेवायत/पुजारी भगवान की पूजा-अर्चना के लिए भी संघर्ष कर रहे हैं। सरकार से अपेक्षा है कि उनकी समस्याओं पर तुरंत ध्यान देकर समाधान किया जाए।"
उन्होंने कहा कि यह महाधिवेशन न केवल समस्याओं का समाधान सुझाएगा बल्कि सनातन धर्म और परंपराओं की रक्षा हेतु एक मजबूत मंच भी स्थापित करेगा।
महाधिवेशन की प्रासंगिकता: खाटू श्याम जी विश्व प्रसिद्ध धार्मिक नगरी है।यह आयोजन सेवायत/पुजारियों को एकजुट करने और उनकी आवाज को शासन-प्रशासन तक पहुँचाने का प्रयास है।सामूहिक भागीदारी इस सम्मेलन को ऐतिहासिक महत्व प्रदान करेगी