Saturday, 19 July 2025

अमेरिका से आयातित कोयले में मिलावट कर करोड़ों का घोटाला, सिरोही में पुलिस की छापेमारी, खुला राज


अमेरिका से आयातित कोयले में मिलावट कर करोड़ों का घोटाला, सिरोही में पुलिस की छापेमारी, खुला राज

जयपुर – राजस्थान पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल करते हुए सिरोही जिले में नकली कोयले की मिलावट से जुड़े करोड़ों रुपये के घोटाले का पर्दाफाश किया है। महानिदेशक पुलिस श्री राजीव कुमार के निर्देशन और अपर महानिदेशक पुलिस (अपराध) श्री दिनेश एम एन के नेतृत्व में सीआईडी क्राइम ब्रांच द्वारा की गई कार्रवाई से यह सामने आया कि एक संगठित गिरोह USA से आयातित पेटकॉक (उच्च गुणवत्ता वाला कोयला) में मिलावट कर सीमेंट और स्टील फैक्ट्रियों को भारी चूना लगा रहा था।

जानकारी के अनुसार, क्राइम ब्रांच को कुछ समय से सूचना मिल रही थी कि गुजरात के कोयला माफिया पिण्डवाड़ा-आबूरोड NH-27 पर स्थित भुजेला गांव की एक बंद फैक्ट्री में अवैध रूप से कोयले में डस्ट मिलाकर ट्रकों से धोखाधड़ी कर रहे हैं। यह गिरोह ट्रक ड्राइवरों को प्रति टन 5-7 हजार रुपये का लालच देकर उनके ट्रकों से 5-10 टन शुद्ध कोयला निकाल लेता था और नकली डस्ट कोयला भरकर आगे भेज देता था। चोरी किया गया यह कोयला छोटी औद्योगिक इकाइयों को बेचकर हर दिन 1-1.5 लाख रुपये की अवैध कमाई की जा रही थी।

पुलिस उपमहानिरीक्षक श्री योगेश यादव और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री नरोत्तम वर्मा के समन्वय में हेड कांस्टेबल रमेश कुमार की सूचना पर एक विशेष टीम बनाई गई, जिसका नेतृत्व पुलिस उपाधीक्षक श्री फूलचंद टेलर और निरीक्षक रामसिंह ने किया। शुक्रवार को रोहिड़ा थाना क्षेत्र के अंतर्गत भुजेला स्थित तुलसी होटल के पीछे की फैक्ट्री में जब टीम ने छापा मारा तो वहां से दो ट्रक, एक लोडर, एक डोजर मशीन, सील तोड़ने के उपकरण और बड़ी मात्रा में नकली कोयला डस्ट जब्त किया गया।

कार्रवाई के दौरान गुजरात के पाटन जिले का निवासी इरफान पुत्र हारून (32 वर्ष) को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने स्वीकार किया कि वे प्रतिदिन लगभग 15-20 टन कोयला चोरी कर रहे थे, जिससे गिरोह की दैनिक कमाई 1 से 1.5 लाख रुपये तक हो रही थी। वह ट्रक ड्राइवरों से कोयला सस्ते में खरीदकर नकली माल के साथ फैक्ट्रियों को भेजता था, जिससे औद्योगिक इकाइयों को भारी आर्थिक नुकसान हो रहा था।

इस संगठित अपराध का खुलासा करने में शामिल टीम में प्रमुख रूप से पुलिस उपाधीक्षक फूलचन्द टेलर, निरीक्षक रामसिंह नाथावत, एएसआई बनवारीलाल, हेड कांस्टेबल रमेश कुमार सहित 20 से अधिक पुलिसकर्मी शामिल थे। हेड कांस्टेबल रमेश कुमार की सूचना इस ऑपरेशन की कुंजी साबित हुई, जिसने पूरे गिरोह का भंडाफोड़ कराया।

राजस्थान पुलिस की यह कार्रवाई न केवल एक वित्तीय अपराध को उजागर करने वाली है, बल्कि यह भी दर्शाती है कि किस तरह संगठित गिरोह देश की औद्योगिक आपूर्ति श्रृंखला में खामियां पैदा कर रहे हैं। पुलिस इस मामले में अन्य संभावित संलिप्त लोगों और औद्योगिक लाभार्थियों की भी जांच कर रही है।

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