जयपुर — राजस्थान की बहुचर्चित सब-इंस्पेक्टर (एसआई) भर्ती-2021 घोटाले में मंगलवार को बड़ा मोड़ आया जब SOG के एडीजी वीके सिंह राजस्थान हाईकोर्ट में पेश हुए। सुनवाई जस्टिस समीर जैन की एकल पीठ में हुई, जिसमें कोर्ट ने भर्ती रद्द करने के आधारों पर सवाल उठाए।
एडीजी वीके सिंह ने बताया कि इस भर्ती में नियुक्त चीफ एग्जामिनर बाबूलाल कटारा ने परीक्षा में शामिल अपने रिश्तेदार की जानकारी RPSC को नहीं दी, जिससे गोपनीयता और निष्पक्षता पर सवाल खड़े हो गए। उन्होंने कहा कि यह तथ्य भर्ती प्रक्रिया को संदिग्ध बनाता है।
कोर्ट ने सवाल किया कि क्या भर्ती रद्द करने की सिफारिश से पहले उन अभ्यर्थियों के भविष्य पर विचार किया गया जिन्होंने सरकारी नौकरी छोड़कर यह परीक्षा दी थी? इस पर एडीजी ने स्पष्ट किया कि “अब तक पकड़े गए 53 ट्रेनी एसआई में 10 अभ्यर्थी पहले से ही सरकारी सेवा में थे, जिनमें कई भूतपूर्व सैनिक भी हैं। इसलिए यह कहना सही नहीं होगा कि नौकरी छोड़ने वाले सभी अभ्यर्थी निर्दोष हैं।”
इससे पहले, सोमवार को हुई सुनवाई में चयनित अभ्यर्थियों की ओर से कहा गया था कि SOG ने 19 मार्च 2024 को जो सरप्राइज टेस्ट लिया था, उसमें केवल 50 ट्रेनी SI फेल हुए थे। ऐसे में पूरी भर्ती को रद्द करना अनुचित और गैर-आवश्यक है।
अदालत ने इन विरोधाभासी बिंदुओं को गंभीरता से लिया है और अब इस पूरे मामले की तह तक जाने के संकेत दिए हैं। इस बहुप्रतीक्षित मामले में अगली सुनवाई महत्वपूर्ण मानी जा रही है।