जयपुर में रविवार को ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व से जुड़ी रियासतकालीन परंपरा ‘जयपुर की ज्योणार’ को पुनर्जीवित किया गया, जिसमें 70 हजार से अधिक लोगों ने सामूहिक भोज का आनंद लिया। यह भव्य आयोजन सांगानेरी गेट स्थित अग्रवाल कॉलेज ग्राउंड में हुआ, जहां देसी घी से बनी दाल, बाटी, चूरमा और मिर्ची के टिपोरे का स्वाद लेने शहरभर से लोग उमड़े।
आयोजन को सफल बनाने के लिए तीन विशाल वाटरप्रूफ डोम लगाए गए, जिनमें एक बार में 4000 लोग बैठकर भोजन कर सके। विशेष रूप से टेबल-कुर्सियों की व्यवस्था की गई, जिससे लोग आराम से पारंपरिक भोजन का लुत्फ उठा सकें। जयपुर हेरिटेज महापौर कुसुम यादव ने सुबह कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए स्वयं लोगों को भोजन परोसा। आयोजन स्थल पर हस्तशिल्प, कलाओं और जयपुर के इतिहास को दर्शाती सुंदर झांकियों की भी प्रस्तुति की गई।
आयोजन समिति के सदस्य अजय यादव के अनुसार, रात 10 बजे तक लगभग 70 हजार लोगों ने भोजन किया, जिसमें 50 हजार टोकनधारी और 20 हजार आमंत्रित लोग शामिल रहे। आयोजन स्थल पर देर रात तक भीड़ बनी रही और सभी के लिए भोजन की समुचित व्यवस्था की गई। समिति के अन्य सदस्य कैलाश मित्तल ने बताया कि जयपुर के व्यापारियों ने इस आयोजन की जिम्मेदारी ली और दिन-रात मेहनत कर इसे सफल बनाया। टोकन मनी के रूप में प्रतीकात्मक ₹20 शुल्क लिया गया, जिससे आयोजन में भागीदारी को सुनिश्चित किया जा सके।