बांसवाड़ा जिले के गढ़ी थाना क्षेत्र में शनिवार शाम भाजपा विधायक कैलाश मीणा ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए थाने में धरना दिया। रविवार को इसका वीडियो सामने आया जिसमें विधायक डीएसपी सुदर्शन पालीवाल से कहते नजर आ रहे हैं— "हाथ जोड़ता हूं, पैर पकड़ता हूं। आप नहीं आते तो सीआई को बिना कपड़े के घर जाना पड़ता। थाने में बजरी और भूमाफियाओं को बैठाए रखते हैं।"
विधायक कैलाश मीणा का यह विरोध दो प्रमुख मामलों में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ था। पहला मामला 31 मई को गढ़ी के पूर्व भाजपा मंडल अध्यक्ष शांतिलाल लबाना के पोते और एक युवती की संदिग्ध खुदकुशी का है। दोनों के शव गेमन पुल के पास फंदे से लटके मिले थे, जिसमें पुलिस पर आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगा था। बावजूद इसके, अब तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है।
दूसरा मामला वर्ष 2022 का है, जिसमें बेड़वा पंचायत में पीड़ित पवन बामनिया की मृत दादी के नाम की जमीन को फर्जी तरीके से दूसरे व्यक्ति के नाम ट्रांसफर किया गया, और फिर वह भू-माफिया तनुज पंड्या के माध्यम से अन्य लोगों के नाम करवाई गई। पवन ने मृत्यु प्रमाण-पत्र के साथ कई बार शिकायत की, लेकिन न तो एफआईआर हुई और उल्टा झूठा मुकदमा दर्ज कर पीड़ित को थाने में दिनभर बैठाए रखा गया।
विधायक कैलाश मीणा ने सीआई रोहित कुमार से मिलने की कोशिश की, लेकिन संतरी ने बताया कि वे घर पर हैं। वहां मौजूद एक हेड कॉन्स्टेबल महिपाल ने कथित रूप से बदसलूकी की, जिससे नाराज विधायक थाने की सीढ़ियों पर धरने पर बैठ गए। सूचना मिलने पर डीएसपी पालीवाल मौके पर पहुंचे और विधायक को भीतर ले जाकर वार्ता की।
विधायक कैलाश मीणा का यह तीखा विरोध न केवल प्रशासनिक निष्क्रियता पर सवाल खड़े करता है, बल्कि पुलिस और भू-माफिया के गठजोड़ की भी ओर इशारा करता है।