जयपुर — राजस्थान सरकार के प्रमुख शासन सचिव पर्यटन, कला एवं संस्कृति राजेश यादव ने बुधवार को जयपुर स्थित पर्यटन भवन में आयोजित विभागीय समीक्षा बैठक में पर्यटन से जुड़ी सेवाओं को पूरी तरह ऑनलाइन करने और योजनाओं की प्रगति में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में आयुक्त पर्यटन एवं आरटीडीसी की एमडी श्रीमती रुक्मणी रियाड़, सहित वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
यादव ने रिक्त पदों की पूर्ति के लिए आउटसोर्सिंग व्यवस्था अपनाने के निर्देश देते हुए कहा कि विभागीय कार्य बाधित न हो, इसके लिए 13 पर्यटन अधिकारी और 20 सहायक पर्यटन अधिकारी सहित अन्य आवश्यक पदों को वैकल्पिक रूप से भरा जाए। साथ ही अधिकारियों की योग्यता और कौशल सुधारने पर भी बल दिया गया।
उन्होंने राजस्थान फिल्म पॉलिसी ड्राफ्ट, राजस्थान टूरिज्म पॉलिसी 2025 और एडवेंचर टूरिज्म प्रमोशन स्कीम 2025 पर शीघ्र निर्णय लेकर विभागीय अनुमोदन की प्रक्रिया पूरी करने को कहा। बैठक में वित्त मंत्रालय द्वारा स्वीकृत आमेर-नाहरगढ़ व जलमहल क्षेत्र विकास परियोजनाओं की समीक्षा की गई, जिनके लिए ₹145.92 करोड़ स्वीकृत हैं और कार्य की प्रथम किश्त भी जारी हो चुकी है। इन प्रोजेक्ट्स के लिए M/s Foreinfra Pvt. Ltd. को कंसल्टेंट और कार्यान्वयन एजेंसी नगर निगम हैरिटेज नियुक्त की गई है।
राजेश यादव ने आईटी शाखा के कामों की समीक्षा करते हुए कहा कि विभाग की सेवाएं डिजिटली उपलब्ध हों, ताकि ईज ऑफ डूइंग बिजनेस और वन स्टॉप शॉप (राजनिवेश) के लक्ष्य पूरे किए जा सकें। उन्होंने सुझाव दिया कि राज्य में आने वाले पर्यटकों का डेटा — जैसे रेलवे स्टेशन, टोल प्लाजा और बस अड्डों पर — नियमित रूप से एकत्र किया जाए, और इसके लिए एक मोबाइल ऐप या सॉफ्टवेयर विकसित किया जाए।
उन्होंने निर्देश दिए कि राजस्थान में आयोजित मेले-उत्सवों की जानकारी एक "टूरिज्म मेला उत्सव बुक" के रूप में प्रकाशित की जाए, ताकि देश-विदेश से आने वाले पर्यटकों को सूचित और व्यवस्थित अनुभव मिल सके।
बैठक में राजेश सिंह (कार्यकारी निदेशक, आरटीडीसी), मोहम्मद अबूबक्र, आनंद त्रिपाठी, पवन जैन, राजेश शर्मा सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।