गंगटोक, सिक्किम – बुधवार को एक प्रेरक और मानवीय क्षण देखने को मिला, जब सिक्किम के राज्यपाल ओमप्रकाश माथुर ने राज्य के एक ग्रामीण क्षेत्र में दौरे के दौरान सड़क किनारे मक्के का भुट्टा बेच रही एक महिला से स्वयं भुट्टा खरीदा और उसका पूरा भुगतान भी किया। यह दृश्य केवल एक क्रय-विक्रय का मामला नहीं था, बल्कि स्वरोजगार और आत्मनिर्भरता को सम्मान देने का जीवंत उदाहरण बन गया।
महिला विक्रेता ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार के माध्यम से अपनी आजीविका चला रही थी। राज्यपाल ने बिना किसी औपचारिकता के न केवल उसके उत्पाद को खरीदा, बल्कि उसके परिश्रम की सराहना भी की और समाज को यह संदेश दिया कि आत्मनिर्भर भारत की असली ताकत जमीनी स्तर पर काम कर रहे ऐसे ही मेहनती नागरिकों में निहित है।
राज्यपाल माथुर का यह कदम महिला सशक्तिकरण, मानवता और जनसरोकारों के प्रति संवेदनशीलता का प्रतीक बनकर उभरा। उपस्थित लोगों ने इस पहल की सराहना की और सोशल मीडिया पर भी इस घटना की सराहना करते हुए इसे “प्रेरणादायक नेतृत्व का उदाहरण” बताया।
यह छोटी-सी घटना बताती है कि जब नेतृत्व साधारण नागरिकों से जुड़ता है, तो लोकतंत्र की जड़ें और भी मजबूत होती हैं।
महिला कृषक भी विक्रेता भी
— ओम प्रकाश माथुर (Om Prakash Mathur ) (@OmMathur_Raj) July 1, 2025
रोजगार भी आत्मनिर्भरता भी
ग्रामीण सिक्किम @PMOIndia pic.twitter.com/DfAINjgrTn