भीलवाड़ा। राजस्थान विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी रविवार को जिले के एक दिवसीय दौरे पर हरि सेवा उदासीन आश्रम, सनातन मंदिर, भीलवाड़ा पहुंचे। वहां उन्होंने बाबा गंगाराम साहब की 29वीं वार्षिक बरसी एवं बाबा हरिराम साहब की 75वीं जयंती के अवसर पर आयोजित गुरूओं के चार दिवसीय वार्षिक उत्सव के समापन समारोह में भाग लिया।
देवनानी ने सत्संग में भाग लेते हुए गुरुओं-महापुरुषों के चरणों में वंदन किया और श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए कहा कि "परिवार में श्रीरामचरितमानस और भगवद्गीता जैसे ग्रंथ अवश्य होने चाहिए, जिससे अगली पीढ़ी चरित्रवान एवं संस्कारवान बन सके।" उन्होंने अजमेर में संविधान गैलरी के निर्माण और ब्रिटिश व मुग़ल कालीन स्थानों के नामों को सनातन परंपरा से जोड़ने के प्रयासों की भी जानकारी दी।
समारोह में महामण्डलेश्वर स्वामी हंसराम उदासीन ने अपने प्रेरणादायक उद्बोधन में कहा कि भारत सदैव विश्व गुरु रहा है और सनातन धर्म की शक्ति के बल पर बना रहेगा। उन्होंने गुरु परंपरा, सेवा, दान और परोपकार की परंपरा को जनमानस के लिए अनुकरणीय बताया।
समारोह के दौरान संत मयाराम, संत गोविन्दराम, बालक इन्द्रदेव, सिद्धार्थ, कुणाल व मिहिर ने भी भक्ति गीतों और भजनों के माध्यम से गुरु महिमा का बखान किया। सुबह श्रद्धालुओं ने गुरुओं की समाधियों, धूणा साहब, आसण साहब व श्री हरि सिद्धेश्वर मंदिर में पूजन अर्चन कर हवन यज्ञ व अखण्ड पाठ में भाग लिया।
समापन अवसर पर अखण्ड पाठ का भोग साहिब, श्रीचंद्र मात्रा साहब वाणी का वाचन, तथा अन्न क्षेत्र सेवा आयोजित की गई। इस अवसर पर देशभर से अनेक संत-महात्माओं ने संगत को दर्शन दिए, जिनमें श्रीमहंत आत्मदास (उज्जैन), स्वरूपदास (अजमेर), हनुमानराम (पुष्कर), श्यामदास (किशनगढ़), लक्खी साईं (सुल्तानपुर), दर्शनदास (गांधीधाम), अमरलाल (राजकोट), मोहनदास (इंदौर), ईश्वरदास, अर्जुनदास, आत्मदास (अजमेर) शामिल रहे।