झुंझुनूं जिले में शनिवार सुबह एक दर्दनाक हादसा हो गया, जिसमें 10 वर्षीय मासूम मयंक की स्विमिंग पूल में डूबने से मौत हो गई। यह हादसा झुंझुनूं मंड्रेला बाइपास स्थित सारा स्विमिंग पूल पर सुबह करीब 11 बजे हुआ। हादसे के बाद स्कूल प्रबंधन की बड़ी लापरवाही सामने आई है।
जानकारी के अनुसार, मयंक पुत्र मनोज कुमार मूलतः लोयल गांव का रहने वाला था। उसके पिता मनोज पिछले चार वर्षों से बगड़ क्षेत्र में किसान भूपेंद्र गोदारा की खेती कर रहे हैं। मयंक को एक अप्रैल को झुंझुनूं के अग्रसेन सर्किल स्थित अल्फा एकेडमी में सैनिक स्कूल प्रवेश की तैयारी के लिए ट्यूशन में दाखिल करवाया गया था, और वह वहीं के हॉस्टल में रहकर पढ़ाई कर रहा था।
शनिवार को अल्फा एकेडमी के शिक्षक छात्रों को बिना परिजनों की अनुमति के सैर पर ले गए। उन्हें सारा स्विमिंग पूल ले जाया गया, जहां शिक्षकों ने बच्चों को तैराकी सिखाने की जिम्मेदारी ली। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि शिक्षक कुछ समय बाद बच्चों को छोड़कर स्वयं तैराकी में व्यस्त हो गए। इसी दौरान मासूम मयंक डूब गया और किसी को समय रहते इसकी भनक तक नहीं लगी।
घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस पहुंची और मयंक को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है।
प्रारंभिक जांच में स्कूल और टीचर्स की ओर से घोर लापरवाही सामने आई है। बिना पेरेंट्स की अनुमति के बच्चों को बाहर ले जाना और बिना किसी लाइफ गार्ड या स्विमिंग ट्रेनर के पूल में भेजना गंभीर चिंता का विषय है। परिजनों और स्थानीय लोगों में इस घटना को लेकर गहरा आक्रोश है।