अचानक तेज सिरदर्द, दिल की धड़कन का बढ़ जाना, चक्कर आना या बेचैनी महसूस होना – ये सभी हाई ब्लड प्रेशर (उच्च रक्तचाप) के संकेत हो सकते हैं। ऐसे में बहुत से लोग घबरा जाते हैं और समझ नहीं पाते कि तुरंत क्या करें। आयुर्वेद विशेषज्ञ डॉ. पीयूष त्रिवेदी (शासन सचिवालय, जयपुर) ने अपने अनुभव के आधार पर बताया है कि घबराने की बजाय सही जानकारी और उपायों से स्थिति को तुरंत संभाला जा सकता है।
शांत रहें: घबराने से स्थिति और बिगड़ सकती है।
धीमी और गहरी सांसें लें: नर्वस सिस्टम को शांत करें।
शांत व ठंडी जगह पर बैठें: शरीर को रिलैक्स करने दें।
ढीले कपड़े पहनें: तंग कपड़ों से रक्त प्रवाह बाधित हो सकता है।
पानी पिएं: धीरे-धीरे 1-2 गिलास सादा पानी पिएं।
पैरों को गर्म पानी में डालें: रक्त प्रवाह नीचे की ओर शिफ्ट होता है।
सादा भोजन लें: नमक, मसालेदार व तली चीज़ों से बचें।
मेडिटेशन व म्यूजिक थैरेपी: मानसिक शांति मिलती है।
संतुलित आहार: हरी सब्जियाँ, फल और फाइबर युक्त चीज़ें लें।
कम नमक का सेवन: विशेष रूप से पैक्ड और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
योग और प्राणायाम: नाड़ी शुद्धि, भ्रामरी, अनुलोम-विलोम लाभकारी हैं।
7-8 घंटे की नींद लें: नींद की कमी भी बीपी बढ़ा सकती है।
तनाव से बचें: स्वयं को समय देना जरूरी है।
अश्वगंधा, अर्जुन छाल, गिलोय, ब्राह्मी, मुलेठी आदि को आयुर्वेद में उच्च रक्तचाप को संतुलित करने वाला माना गया है।
ये जड़ी-बूटियाँ धमनियों को लचीला बनाती हैं, तनाव कम करती हैं और हृदय को सशक्त बनाती हैं।
इनके साइड इफेक्ट्स बहुत कम होते हैं, और ये दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती हैं।
उच्च रक्तचाप कई बार बिना लक्षणों के भी हो सकता है।
समय-समय पर जांच से गंभीर स्थिति से बचाव संभव है।
खासकर 35 वर्ष की आयु के बाद हर 3-6 महीने में एक बार जांच करवानी चाहिए।
विशेषज्ञ संपर्क:डा. पीयूष त्रिवेदी, आयुर्वेद विशेषज्ञ
स्थान: शासन सचिवालय, जयपुर मोबाइल: 9828011871