भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने आज 6 जून को एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रेपो रेट में 50 बेसिस पॉइंट की कटौती कर उसे 5.50% कर दिया है। इसके साथ ही, नकद आरक्षित अनुपात (CRR) में भी 100 आधार अंकों की कटौती की गई है। यह फैसला भारतीय अर्थव्यवस्था को गति देने और बैंकिंग प्रणाली में तरलता सुनिश्चित करने की दिशा में उठाया गया एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।
आरबीआई गवर्नर श्री संजय मल्होत्रा ने प्रेस वार्ता में बताया कि यह निर्णय 4 से 6 जून के बीच हुई मौद्रिक नीति समिति की बैठक में देश की वर्तमान आर्थिक स्थिति का विश्लेषण करने के बाद लिया गया है। नई दरें तत्काल प्रभाव से लागू होंगी।
इस फैसले पर रियल एस्टेट क्षेत्र के कई दिग्गजों ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है, और इसे हाउसिंग सेक्टर में मांग को बढ़ाने वाला निर्णय बताया है।
प्रदीप अग्रवाल, चेयरमैन, सिग्नेचर ग्लोबल (इंडिया) लिमिटेड ने कहा—
"रेपो रेट और CRR में समवर्ती कटौती से बैंकों की ऋण क्षमता बढ़ेगी, जिससे होम लोन सस्ते होंगे और मिड से लेकर प्रीमियम सेगमेंट तक की हाउसिंग डिमांड में तेज़ी आएगी।"
अशोक कपूर, चेयरमैन, कृष्णा ग्रुप और क्रिसुमी कॉरपोरेशन ने कहा—
"इस निर्णय से ब्याज दरें पिछले साल की तुलना में 100 आधार अंक कम हो चुकी हैं, जो डेवलपर्स और होमबायर्स—दोनों के लिए फायदेमंद है।"
अमन सरीन, सीईओ, अनंत राज लिमिटेड ने इसे वर्ष की तीसरी कटौती बताते हुए कहा—
"इस निर्णय से ऋण प्रवाह बढ़ेगा और रियल एस्टेट क्षेत्र में निवेश में इज़ाफा होगा।"
राउल कपूर, सह-सीईओ, एंड्रोमेडा सेल्स एंड डिस्ट्रीब्यूशन ने इसे बाजार की उम्मीदों के अनुरूप बताया—
"यह फैसला विशेष रूप से रिटेल लोन धारकों के लिए राहतकारी है, जो लंबे समय में ब्याज दर में थोड़ी भी कटौती से बड़ी बचत कर सकते हैं।"
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला उन परिवारों और युवाओं के लिए भी लाभकारी होगा, जो पहली बार घर खरीदने की योजना बना रहे हैं। आने वाले महीनों में हाउसिंग सेगमेंट में मांग और निवेश दोनों में बढ़ोतरी की उम्मीद की जा रही है।