नई दिल्ली। देश में मानसून ने इस साल समय से आठ दिन पहले केरल में दस्तक दे दी है, जिससे किसानों, मौसम विशेषज्ञों और प्रशासन के बीच हलचल तेज हो गई है। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, मानसून शनिवार को केरल पहुंचा और यह 2009 के बाद पहली बार हुआ है जब मानसून इतनी जल्दी भारत में सक्रिय हुआ है।
सामान्यतः 1 जून को केरल में मानसून की शुरुआत होती है, लेकिन इस बार यह 25 मई को ही दक्षिणी तट पर पहुंच गया। मौसम विभाग ने बताया कि मानसून पिछले चार दिनों से देश से लगभग 40-50 किलोमीटर दूर अरब सागर में अटका हुआ था, लेकिन शुक्रवार शाम को इसके आगे बढ़ने के संकेत मिले और आज यह केरल की धरती पर पहुंच गया।
मौसम विभाग के अनुसार मानसून के शनिवार को ही तमिलनाडु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भी पहुंचने की संभावना है। अगले एक हफ्ते में दक्षिण और पूर्वोत्तर भारत में यह सक्रिय हो सकता है। 4 जून तक मध्य और पूर्वी भारत के क्षेत्रों को मानसून कवर कर सकता है।
आमतौर पर मानसून 8 जुलाई तक पूरे देश को कवर करता है और फिर 17 सितंबर से इसकी वापसी शुरू होती है, जो 15 अक्टूबर तक पूरी तरह समाप्त हो जाती है।
मौसम विज्ञानियों का कहना है कि मानसून की शुरुआत की तारीख और पूरे सीजन की वर्षा की मात्रा के बीच सीधा संबंध नहीं होता है। यानी इसका जल्दी आना यह संकेत नहीं देता कि पूरे देश में समान रूप से जल्दी और प्रचुर वर्षा होगी।
इस समय पर आया मानसून कृषि आधारित राज्यों के लिए राहत की खबर है, लेकिन इसके वितरण और प्रबलता की सटीक जानकारी आने वाले हफ्तों में ही स्पष्ट हो पाएगी।