हाइलाइट्स:
मदरसा बोर्ड चेयरमैन एमडी चौपदार और सचिव चेतन चौहान के बीच आरोप-प्रत्यारोप
नमाज कक्ष हटाने, कर्मचारियों को प्रताड़ित करने और फाइलों के गुपचुप निस्तारण का आरोप
सचिव पर महिला कर्मचारियों को देर रात तक रुकवाने का भी आरोप
चेतन चौहान ने नियुक्तियों में अनियमितता, फर्जी दस्तावेज और मेल एक्सेस पर एफआईआर का दावा किया
मुख्यमंत्री और मुख्य सचिव से मामले में दखल देने की मांग
राजस्थान मदरसा बोर्ड में चेयरमैन एमडी चौपदार और सचिव चेतन चौहान के बीच लंबे समय से चल रहा तनाव अब खुले विवाद में तब्दील हो गया है। दोनों के बीच बोर्ड की नियुक्तियों, योजनाओं, कर्मचारियों के प्रबंधन और फाइलों के निस्तारण को लेकर लगातार टकराव चल रहा है। हाल ही में सचिव चेतन चौहान ने मदरसा शिक्षा अनुदेशक भर्ती में फर्जीवाड़े को लेकर सरकार को रिपोर्ट भेजी थी, जिससे विवाद और गहरा गया।
चेयरमैन एमडी चौपदार ने आरोप लगाया है कि सचिव चेतन चौहान बोर्ड के कर्मचारियों को प्रताड़ित कर रहे हैं, फाइलों का निस्तारण बिना चेयरमैन को जानकारी दिए खुद के स्तर पर कर रहे हैं, और समुदाय विशेष के प्रति हीनभावना रखते हैं। चौपदार ने आरोप लगाया कि सचिव ने बोर्ड से नमाज कक्ष को जानबूझकर हटवा दिया, जबकि मुस्लिम कर्मचारी वर्षों से वहां नमाज पढ़ते आ रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि सचिव चाकू और हॉकी लेकर दफ्तर आते हैं, जिससे उन्हें जान का खतरा है। साथ ही आरोप लगाया कि महिला कर्मचारियों को देर रात तक कार्यालय में रुकने का दबाव डाला जाता है। चौपदार ने यह भी बताया कि कर्मचारियों द्वारा की गई शिकायतों की जांच भी खुद सचिव को सौंप दी गई, जिससे निष्पक्षता पर प्रश्नचिन्ह खड़े हो गए हैं।
दूसरी ओर, सचिव चेतन चौहान ने भी चेयरमैन एमडी चौपदार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि चौपदार के पास नियुक्ति आदेश जारी करने की कोई वैधानिक शक्ति नहीं थी, फिर भी उन्होंने चुनाव से पहले हजारों नियुक्तियों को मंजूरी दी। चेतन चौहान ने कहा कि जांच में पाया गया कि कई मामलों में बिना दस्तावेज सत्यापन के नियुक्तियां दी गईं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि चेयरमैन ने अनधिकृत रूप से विभागीय मेल सिस्टम को एक्सेस किया, जिसकी एफआईआर दर्ज करवाई गई है।