पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय जयपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान विदेशी दौरे में कांग्रेस सांसदों की भागीदारी को लेकर उठे विवाद पर मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने इस पूरे घटनाक्रम को "सरकार की सोची-समझी शरारत" करार दिया और कांग्रेस सांसद शशि थरूर की भूमिका पर भी टिप्पणी की।
गहलोत ने कहा कि शशि थरूर वरिष्ठ नेता हैं, उनका विदेश मंत्रालय और संयुक्त राष्ट्र (UN) का व्यापक अनुभव है। वे विदेश राज्य मंत्री भी रह चुके हैं और एक सम्मानित व्यक्ति हैं। लेकिन जब वे कांग्रेस पार्टी से चुनाव जीतकर संसद में आते हैं, तो उन्हें विपक्ष के सांसद की भूमिका भी निभानी होती है। ऐसे में अगर केंद्र सरकार या किसी अन्य माध्यम से उन्हें कोई दायित्व दिया जाता है, तो उन्हें पहले पार्टी हाईकमान से सलाह करनी चाहिए थी।
उन्होंने कहा, “अगर थरूर उस समय पार्टी से बात कर लेते तो यह विवाद खड़ा ही नहीं होता।” गहलोत ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने जानबूझकर यह मुद्दा उठाया, ताकि विपक्ष को नीचा दिखाया जा सके और भ्रम की स्थिति पैदा की जाए।
इसके साथ ही अशोक गहलोत ने डोनाल्ड ट्रंप के भारत को लेकर दिए हालिया बयान पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि जब अमेरिका जैसे देश के पूर्व राष्ट्रपति भारत पर टिप्पणी करते हैं, तब प्रधानमंत्री को देश की जनता को जवाब देना चाहिए।
गहलोत ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सरकार बातों को तोड़-मरोड़कर प्रस्तुत कर रही है, और विदेश नीति जैसे संवेदनशील विषयों पर राजनीतिक फायदा उठाने का प्रयास कर रही है।