Wednesday, 14 May 2025

जंगलराज, सीजफायर और सैनिक बेटी पर मंत्री के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा FIR दर्ज करने का निर्देश स्वागत योग्य: टीकाराम जूली


जंगलराज, सीजफायर और सैनिक बेटी पर मंत्री के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा FIR दर्ज करने का निर्देश स्वागत योग्य: टीकाराम जूली

जयपुर। राजस्थान में कानून व्यवस्था और केंद्र सरकार की विदेश नीति पर नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने एक बार फिर भाजपा सरकार को कटघरे में खड़ा किया। बुधवार को मोती डूंगरी स्थित अपने कार्यालय में जनसुनवाई के बाद मीडिया से बातचीत में जूली ने कहा कि राज्य में जंगलराज कायम है और लॉ एंड ऑर्डर पूरी तरह ध्वस्त हो चुका है।

जूली ने कहा कि अलवर में एसपी निवास के पास गो-तस्कर गोली चला रहे हैं, जयपुर के वैशाली नगर में दिनदहाड़े लूट, सीकर में पुलिस द्वारा पीटना, और बम धमकी जैसी घटनाएं इस सरकार की नाकामी का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।

भाजपा की तिरंगा यात्रा पर हमला: टीकाराम जूली ने मिशन सिंदूर की सफलता पर भाजपा द्वारा निकाली जा रही तिरंगा यात्रा को 'डैमेज कंट्रोल' की मुहिम करार दिया। उन्होंने कहा कि यह यात्रा सेना के पराक्रम की आड़ में केंद्र सरकार की असफलताओं को छिपाने का प्रयास है।“जब पूरा देश सरकार के साथ खड़ा था, तो फिर अमेरिकी दबाव में सीजफायर क्यों किया गया?”

सैनिक बेटी पर मंत्री के बयान शर्मनाक:जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा FIR दर्ज करने का निर्देश स्वागत योग्य: टीकाराम जूली ने मध्यप्रदेश के मंत्री विजय शाह के बयान की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि“भारतीय सेना की बहादुर अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन कहना देश का अपमान है।”
मध्यप्रदेश के जनजातीय मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकवादियों की बहन कहकर अपमानित करने के मामले में जबलपुर हाईकोर्ट द्वारा FIR दर्ज करने का निर्देश स्वागत योग्य है l 

मंत्री का यह बयान भारत की एकता, अखंडता और सैन्य गरिमा के खिलाफ  है। यह बयान घोर आपत्तिजनक, सांप्रदायिक भावनाओं को भड़काने वाला और देशविरोधी मानसिकता का परिचायक है।

प्रधानमंत्री मोदी पर भी निशाना:जूली ने कहा कि प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में सिर्फ “मन की बात” की, जनता के मन में उठते सवालों का जवाब नहीं दिया।“1971 के युद्ध के बाद इंदिरा गांधी और भुट्टो के बीच शिमला समझौता हुआ था, जिसमें स्पष्ट था कि भारत-पाक मसलों पर कोई तीसरा देश पंचायती नहीं करेगा। अब अमेरिका के दबाव में सीजफायर क्यों किया गया, इसका जवाब देश चाहता है।”


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