Sunday, 11 May 2025

भाजपा प्रशिक्षण शिविर: मंत्रियों-विधायकों को बीएल संतोष और राधा मोहन अग्रवाल से मिली ‘जनसंपर्क’ की सीख, जनता और कार्यकर्ताओं के साथ व्यवहार सुधारने दी हिदायत


भाजपा प्रशिक्षण शिविर: मंत्रियों-विधायकों को बीएल संतोष और राधा मोहन अग्रवाल से मिली ‘जनसंपर्क’ की सीख, जनता और कार्यकर्ताओं के साथ व्यवहार सुधारने दी हिदायत

केवड़िया में भाजपा के गुजरात के केवड़िया में आयोजित तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर बुधवार को संपन्न हो गया।इस प्रशिक्षण शिविर में भाजपा के संगठन महामंत्री बीएलसंतोष ,वे सतीश,भाजपा के प्रभारी राधामोहन अग्रवालऔर विभिन्न विशेषज्ञों ने मंत्रियों और विधायकों को जनसंपर्क, कार्यशैली और सामाजिक समरसता को लेकर कई महत्वपूर्ण हिदायतें दी गईं। उन्होंने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने जनप्रतिनिधियों से कार्यकर्ताओं और आमजन के साथ बेहतर व्यवहार अपनाने पर ज़ोर दिया।

बीएल संतोष बोले – “केक से पहले मंदिर जाओ, जन्मदिन पर संकल्प लो”: भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने अपने संबोधन में कहा जन्मदिन पर केक काटने से पहले मंदिर जाओ।

उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जातिवाद और भेदभाव को खत्म कर सभी के साथ समान व्यवहार जरूरी है। मंदिरों में सभी समाजों का प्रवेश होना चाहिए, यह सामाजिक समरसता की बुनियाद है। उन्होंने विधायकों को यह भी कहा कि अपने क्षेत्र से जुड़े विचार परिवार के संगठनों के पदाधिकारियों से संवाद बनाए रखें, और बड़े नेताओं के चक्कर में पड़ने के बजाय ज़मीनी जुड़ाव को मजबूत करें।

राधा मोहनदास अग्रवाल ने कहा – “फोन न उठा पाओ, तो बाद में ज़रूर करो कॉल”:प्रदेश प्रभारी राधा मोहनदास अग्रवाल ने कहा कि व्यस्तता में फोन नहीं उठा पा रहे हो, तो बाद में कार्यकर्ता को कॉल ज़रूर करें। कार्यकर्ता को उसके नाम से पुकारें तो दूरी नहीं रहेगी।

उन्होंने यह भी जोड़ा कि जनप्रतिनिधि के व्यवहार में आत्मीयता झलकनी चाहिए, तभी पार्टी और सरकार के बीच की खाई नहीं बनेगी।

वी. सतीश ने दी सादगी की सलाह:भाजपा के वरिष्ठ नेता वी. सतीश ने नेताओं को सलाह दी कि जनता को लगना चाहिए कि विधायक या मंत्री अच्छे से बात करता है। उनके साथ व्यवहार में सादगी और नम्रता हो।

नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली द्वारा राम मंदिर प्रकरण में की गई टिप्पणी का असर भी प्रशिक्षण सत्र में देखने को मिला। वक्ताओं ने कहा कि सनातन मूल्यों, आस्था और जनभावनाओं के प्रति संवेदनशीलता जरूरी है, जिससे कार्यकर्ता और आमजन के बीच विश्वास बना रहे।

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