Monday, 12 May 2025

पुष्कर सरोवर की प्रभात परिक्रमा सम्पन्न, श्रद्धा-भक्ति और राष्ट्रप्रेम से गूंजा वातावरण


पुष्कर सरोवर की प्रभात परिक्रमा सम्पन्न, श्रद्धा-भक्ति और राष्ट्रप्रेम से गूंजा वातावरण

अजमेर नरसिंह चौदस पर्व के पावन अवसर पर आज पुष्कर सरोवर की प्रभात परिक्रमा का आयोजन अत्यंत श्रद्धा, भक्ति और उत्साह के साथ सम्पन्न हुआ। यह आयोजन सनातन धर्म रक्षा संघ अजय मेरु राजस्थान, सन्यास आश्रम, एवं गायत्री परिवार के संयुक्त तत्वावधान में संपन्न हुआ।

परिक्रमा का मार्ग और समापन

यह पावन परिक्रमा गुरुद्वारा पुष्कर से आरंभ होकर नए रंगजी मंदिर, जयपुर घाट, जोधपुर घाट, ब्रह्म घाट, नरसिंह घाट, गौ घाट, वराह घाट होते हुए पुनः नए रंगजी मंदिर के सामने स्थित कृष्णा भवन पर विधिवत समापन तक पहुंची।

नरसिंह मंदिर में श्रद्धालुओं ने दर्शन कर पुण्य लाभ प्राप्त किया। इस अवसर पर साध्वी अनादि सरस्वती का दिव्य संत सान्निध्य परिक्रमा का मुख्य आकर्षण रहा। श्रद्धालुओं ने नरसिंह घाट पर साध्वी अनादि सरस्वती का भावपूर्ण स्वागत किया।

सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश और संसनातन धर्म रक्षा संघ अजयमेरु राजस्थान अजय शर्मा ने बताया कि अजमेर से पुष्कर आने वाले श्रद्धालुओं के लिए सन्यास आश्रम फव्वारा चौक एवं तपस्वी भवन वैशाली नगर, अजमेर से विशेष बसें संचालित की गईं।

प्रभात फेरी में अनेक श्रद्धालु शामिल

प्रभात फेरी में देवेंद्र त्रिपाठी, इंजीनियर अशोक शर्मा, डॉ. रश्मि शर्मा, तीर्थ पुरोहित चंद्रशेखर गौड, एडवोकेट रघु पारीक, एडवोकेट राजेश शर्मा, सुरेश शर्मा, एडवोकेट अर्पित सांखला, गोकुल अग्रवाल, हेमंत सोनी, कैलाश शर्मा, टीकम शर्मा, सुशांत ओझा,वंदना गोयल, प्रकाश आडवाणी, विजय कुमार शर्मा, शंकर फतेहपुरिया, जगदीश गर्ग, डॉ सुभाष गौड, सरला शर्मा, मंजू व्यास, पुष्पा बाहेती, नीतू माहेश्वरी, सुभाष सोनी, रामसिंह उदावत, महावीर कुमावत, तपस्वी गायत्री शर्मा, अरुणा भास्कर, रामदेव रावत, छायांशी उदावत, महिमा शर्मा, पूर्णिमा शर्मा सहित सैकड़ों धर्मप्रेमी श्रद्धालु शामिल हुए। प्रभात फेरी प्रभारी भजन गायक आलोक माहेश्वरी के विवाह की वर्षगांठ पर वराह घाट पर विशेष पूजन और यज्ञ का आयोजन किया गया। सैकड़ों अन्य श्रद्धालुगण मौजूद रहे।

इस अवसर पर गायत्री शक्तिपीठ, पुष्कर में वर्तमान में देश की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुए सैनिकों की स्मृति में विशेष श्रद्धांजलि यज्ञ का आयोजन भी किया गया, जिसमें यज्ञाहुतियाँ अर्पित कर राष्ट्र रक्षा हेतु प्रार्थना की गई।

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