जयपुर के विद्याधर नगर स्टेडियम में चल रही शिवमहापुराण कथा को शनिवार को कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा अचानक रोक देने की घोषणा से श्रद्धालुओं में हड़कंप मच गया। मिश्रा ने मंच से कहा कि जयपुर में उन्हें प्रशासन का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है, जबकि इससे बड़ी कथा उन्होंने उत्तर प्रदेश में की थी, जहां प्रशासन पूरी तरह सहयोगी था।
कथा 1 मई को आरंभ हुई थी और इसका समापन 7 मई को प्रस्तावित है। शनिवार को कथावाचक की नाराजगी के बाद जयपुर कलेक्टर जितेंद्र सोनी, पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसेफ और पंडित प्रदीप मिश्रा के बीच करीब 1 घंटे तक बैठक हुई। वार्ता के बाद मिश्रा ने एक वीडियो संदेश जारी कर बताया कि अब प्रशासन से समन्वय बन गया है और कथा रविवार से पूर्ववत जारी रहेगी।
इससे पहले आयोजन समिति के सचिव अनिल संत ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने सहयोग करने की बजाय बार-बार व्यवधान उत्पन्न किया। उन्होंने कहा कि पुलिस ने कई रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाकर श्रद्धालुओं को कथा स्थल तक पहुंचने से रोका, और यहां तक कि कथास्थल पर स्वयंसेवकों को प्रवेश से भी रोक दिया गया।
इस विवाद पर जयपुर कलेक्टर जितेन्द्र सोनी ने प्रतिक्रिया दी कि जिला प्रशासन की ओर से कथा को रद्द करने का कोई निर्देश नहीं दिया गया था। उन्होंने कहा कि प्रशासन की टीम वहां केवल व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात की गई थी।
शनिवार की हलचल के बाद अब श्रद्धालु रविवार से फिर कथा का आनंद ले सकेंगे। यह घटनाक्रम न केवल धार्मिक आयोजन के संचालन में प्रशासन और आयोजकों के समन्वय की आवश्यकता को दर्शाता है, बल्कि सार्वजनिक आयोजनों में संवाद की भूमिका को भी रेखांकित करता है।