जयपुर के पिंकसिटी प्रेस क्लब में शुक्रवार को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर “अभिव्यक्ति की आजादी और चुनौतियों” विषय पर एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोडा, नारायण बारेठ और महेश शर्मा ने अपने विचार साझा किए। वक्ताओं ने कहा कि लोकतंत्र की मूल आत्मा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, लेकिन वर्तमान समय में राजनीतिक, सामाजिक और आर्थिक दबाव मीडिया की निष्पक्षता को प्रभावित कर रहे हैं।
वरिष्ठ पत्रकार राजेंद्र बोडा ने कहा कि मीडिया आमजन से दूर होता जा रहा है और सिस्टम के खिलाफ लिखने पर कार्रवाई का सामना करना पड़ता है।
वर्ष 2014 से 2024 के बीच 28 पत्रकारों की हुई है हत्या, गंभीर सुरक्षा का प्रश्न: नारायण बारेठ
वरिष्ठ पत्रकार नारायण बारेठ ने चिंता व्यक्त करते हुए बताया कि वर्ष 2014 से 2024 के बीच 28 पत्रकारों की हत्या हो चुकी है, जो पत्रकारों की सुरक्षा पर गंभीर प्रश्नचिन्ह खड़े करता है। उन्होंने सोशल मीडिया पर फैल रही फेक न्यूज पर भी चिंता जताई।
लोकतंत्र में सहमति के साथ असहमति को भी स्वीकार किया जाना आवश्यक: महेश शर्मा
वरिष्ठ पत्रकार महेश शर्मा ने कहा कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उपयोग संयम और विवेक से किया जाना चाहिए, और लोकतंत्र में सहमति के साथ असहमति को भी स्वीकार किया जाना आवश्यक है। वरिष्ठ पत्रकार गिरिराज अग्रवाल ने लघु व मध्यम समाचार पत्रों पर लागू विज्ञापन नीति और डिजिटल मीडिया की चुनौतियों पर बात रखी।
कार्यक्रम में प्रेस क्लब के पूर्व अध्यक्ष एल एल शर्मा ने पत्रकारों की स्वास्थ्य योजना (RJHS) में आ रही दिक्कतों को उजागर किया, जबकि वरिष्ठ पत्रकार ललित शर्मा और रोशन लाल शर्मा ने पत्रकारों की स्वतंत्रता और प्रबंधन संबंधी विषयों पर विचार रखे।
प्रेस क्लब अध्यक्ष मुकेश मीणा ने कहा कि इस प्रकार की विचार गोष्ठियां अब पूरे वर्षभर आयोजित की जाएंगी ताकि वरिष्ठ पत्रकारों का अनुभव युवा पत्रकारों तक पहुंचे। महासचिव मुकेश चौधरी ने सभी को प्रेस स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए आभार व्यक्त किया।
इस मौके पर मोनिका शर्मा, ओमवीर भार्गव, दिनेश सैनी, दीपक सैनी, निखलेश शर्मा, विकास आर्य, पूर्व अध्यक्ष राधारमण शर्मा, पूर्व उपाध्यक्ष कानाराम कड़वा, वरिष्ठ पत्रकार बृजभूषण शर्मा, सुरेन्द्र जैन पारस, शशिमोहन शर्मा, सत्येन्द्र शुक्ला सहित बड़ी संख्या में मीडिया प्रतिनिधि और समाज के लोग उपस्थित रहे।