जयपुर मेट्रो के सेकंड फेज को लेकर पिछले 15 वर्षों से लंबित रही योजना को आखिरकार मूर्त रूप मिल गया है। कांग्रेस और बीजेपी सरकारों के बीच फंसी इस परियोजना की डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट (डीपीआर) अब अंतिम रूप में तैयार हो गई है। पहले सीतापुरा से अंबाबाड़ी तक प्रस्तावित यह लाइन अब बदले हुए रूट के साथ रिंग रोड से सीकर रोड होते हुए टोडी मोड़ तक जाएगी। इस परिवर्तन के बाद मेट्रो की कुल लंबाई लगभग 20 किलोमीटर और बढ़ गई है, जिससे अब यह 43 किलोमीटर लंबा कॉरिडोर बन गया है। यह जयपुर मेट्रो के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
डीपीआर फाइनल होने के साथ ही गवर्नमेंट हॉस्टल को क्रॉसिंग स्टेशन के रूप में चिन्हित किया गया है, जहां से एक रूट चांदपोल मेट्रो स्टेशन को जोड़ेगा, जबकि दूसरा कलेक्ट्रेट सर्किल होकर टोडी मोड़ तक जाएगा। ऐसे में मानसरोवर और बड़ी चौपड़ की ओर जाने वाले यात्रियों को चांदपोल से दूसरी ट्रेन लेनी होगी। यात्रियों की सुविधा के लिए सर्किट हाउस के पास बनने वाले स्टेशन को एलिवेटेड कनेक्टिविटी के माध्यम से जयपुर जंक्शन से जोड़ा जाएगा ताकि पैदल सड़क पार करने की जरूरत न पड़े।
राइस कंपनी द्वारा डीपीआर को सरकार को सौंप दिया गया है। मुख्यमंत्री ने इसमें एक-दो संशोधन सुझाए हैं, जिनमें मुख्य बदलाव मेट्रो को जयपुर एयरपोर्ट के टर्मिनल-3 से जोड़ने को लेकर है। इस डीपीआर को अब केंद्र सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा। कुल लागत करीब ₹11,500 करोड़ आंकी गई है। केंद्र से स्वीकृति और फंड जारी होने के बाद ही टेंडर प्रक्रिया शुरू होगी।
जयपुरवासियों के लिए यह परियोजना लंबे समय से प्रतीक्षित है और इसके अमल में आने से शहर की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को नया आयाम मिलेगा।