Saturday, 03 May 2025

जयपुर में कथा के दौरान कथावाचक प्रदीप मिश्रा बोले: पहनावे के कारण बढ़ रहे हैं अपराध, लड़कियों की नाभी शरीर की जड़ होती है, ढककर रखना चाहिए


जयपुर में कथा के दौरान कथावाचक प्रदीप मिश्रा बोले: पहनावे के कारण बढ़ रहे हैं अपराध, लड़कियों की नाभी शरीर की जड़ होती है, ढककर रखना चाहिए

जयपुर। विद्याधर नगर स्टेडियम में चल रही शिवमहापुराण कथा के दौरान प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने महिलाओं के पहनावे और सामाजिक मूल्यों को लेकर टिप्पणी की, जो तेजी से वायरल हो रही है और विवादों को जन्म दे रही है। मिश्रा ने कहा, "जैसे तुलसी का पौधा जड़ दिखाने पर सूख जाता है, वैसे ही लड़कियों की नाभी शरीर की जड़ है। इसे ढककर रखना चाहिए, क्योंकि जितना ढका रहेगा, उतनी सुरक्षा बनी रहेगी।"

उन्होंने आगे कहा कि आज के समय में अपराधों में बढ़ोतरी का मुख्य कारण पहनावा है, न कि प्रशासन या कानून की कमी। मिश्रा ने दावा किया कि दुनिया की कोई सरकार अपराध को नहीं रोक सकती, केवल घर के संस्कार ही इस पर नियंत्रण कर सकते हैं।

'चंचला देवी' का उदाहरण देते हुए उन्होंने महिलाओं को सीख दी कि आज की स्त्रियों को भी अपने परिवार को गलत कामों से रोकना चाहिए, जैसा चंचला देवी अपने पति को समझाया करती थीं। मिश्रा के अनुसार, आज समाज दो बड़े संकटों से जूझ रहा है— गलत भोजन और गलत पहनावा

उन्होंने आधुनिक जीवनशैली पर कटाक्ष करते हुए कहा कि पहले जीवन में चार अवस्थाएं होती थीं-बचपन, जवानी, अधेड़ी और बुढ़ापा, लेकिन अब केवल दो अवस्थाएं बची हैं-बचपन और बुढ़ापा। उन्होंने कहा कि मोबाइल और इंटरनेट की वजह से बच्चे बचपन में ही युवा गतिविधियों में लग जाते हैं, जिससे वे सीधा बुढ़ापे की ओर बढ़ जाते हैं।

मिश्रा ने कहा, "20 साल की तपस्या 20 मिनट की कुसंगति में खत्म हो जाती है।" माता-पिता बच्चों को राम बनाने की कोशिश करते हैं, लेकिन बुरी संगत उन्हें रावण बना देती है।

इस पूरे बयान को लेकर सामाजिक मंचों पर बहस छिड़ गई है। कई लोग मिश्रा के विचारों को संस्कृति आधारित चेतावनी मान रहे हैं, जबकि कई इसे महिलाओं की स्वतंत्रता पर आक्षेप बता रहे हैं


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