Wednesday, 30 April 2025

केंद्र सरकार ने जाति जनगणना का किया फैसला, सितंबर से शुरू होने की संभावना


केंद्र सरकार ने जाति जनगणना का किया फैसला, सितंबर से शुरू होने की संभावना
केंद्र सरकार की कैबिनेट बैठक के मुख्य बिंदु
  • जाति आधारित जनगणना को मंजूरी
  • 1947 के बाद पहली बार जाति जनगणना
  • शिलॉन्ग-सिलचर हाईस्पीड कॉरिडोर को स्वीकृति
  • गन्ने की न्यूनतम कीमत तय

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने जाति आधारित जनगणना कराने का फैसला किया है। यह निर्णय बुधवार को केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में लिया गया। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि जाति गणना अब मूल जनगणना का हिस्सा होगी और इसे सितंबर 2025 से शुरू किया जा सकता है। इस प्रक्रिया को पूरा होने में 2 साल का समय लग सकता है। अनुमान है कि अंतिम आंकड़े 2026 के अंत या 2027 की शुरुआत में सामने आ सकते हैं।

क्या कहा सरकार ने?

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि,“1947 के बाद पहली बार जाति जनगणना की जा रही है। पिछली सरकारें इसे केवल राजनीतिक फायदे के लिए इस्तेमाल करती रहीं। अब यह केंद्र का विषय है और इसे पूरे देश में समान रूप से लागू किया जाएगा।”

उन्होंने कहा कि सामाजिक समरसता बनाए रखने के लिए केंद्र सरकार विशेष रूप से सजग है।

गौरतलब है कि कोविड-19 महामारी के चलते 2021 में प्रस्तावित जनगणना टाल दी गई थी। हर 10 साल में जनगणना होती है, लेकिन अब इसका चक्र 2035 तक खिसक गया है।

कैबिनेट के अन्य दो प्रमुख निर्णय:

शिलॉन्ग-सिलचर हाईस्पीड कॉरिडोर को मंजूरी
166 किमी लंबा और 6 लेन का यह कॉरिडोर मेघालय-असम को जोड़ेगा।
परियोजना की लागत – ₹22,864 करोड़।
नॉर्थईस्ट के कनेक्टिविटी नेटवर्क के लिए अहम मानी जा रही है।

गन्ने की एफआरपी तय
₹355 प्रति क्विंटल की दर तय की गई है।
इससे गन्ने की खरीद इससे कम कीमत पर नहीं हो सकेगी।
यह 2025-26 सीजन के लिए फेयर एंड रिम्युनरेटिव प्राइस (FRP) मानी जाएगी।


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