जयपुर। भगवान परशुराम जन्मोत्सव के अवसर पर इस बार एक अद्वितीय और भावनात्मक दृश्य देखने को मिला जब जयपुर स्थित भगवान परशुराम सर्किल पर 20 वर्षों में पहली बार बिना मूर्ति के पूजा-अर्चना की गई। यह आयोजन सर्व ब्राह्मण महासभा की ओर से हुआ जिसमें हजारों ब्राह्मणजन, विद्वान पंडित और श्रद्धालु सम्मिलित हुए।
कार्यक्रम संयोजक जगन्नाथ शर्मा ने बताया कि विगत वर्षों की भांति इस बार भी भगवान परशुराम सर्किल पर प्रतिमा पूजन की तैयारी थी, लेकिन कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा मूर्ति को तोड़ दिया गया, जिससे स्थिति संवेदनशील हो गई। इसके बावजूद भक्तों का उत्साह कम नहीं हुआ और पंडित पुरूषोत्तम गौड़ के सान्निध्य में “तन्नो परशुराम प्रचोदयात” मंत्रोच्चार के साथ हवन, पूजा और आरती की गई।
पूरे समारोह में 1100 महिलाओं ने पारंपरिक वेशभूषा में कलश यात्रा निकाली और सर्किल की परिक्रमा की। शंखध्वनि, घंटे-घडियालों के साथ सजीव आध्यात्मिक वातावरण में भगवान परशुराम को भावांजलि अर्पित की गई।
इस अवसर पर सर्व ब्राह्मण महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित सुरेश मिश्रा ने घोषणा की कि शीघ्र ही परशुराम सर्किल पर 6.5 फीट ऊंची भव्य प्रतिमा स्थापित की जाएगी। कार्यक्रम में जयपुर सांसद मंजू शर्मा, विधायक स्वामी बालमुकुन्दाचार्य, पूर्व सांसद रामचरण बोहरा, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष मुकेश दाधीच, विप्र संगठनों के वरिष्ठ पदाधिकारी और अनेक पार्षद उपस्थित रहे।
विधायक बालमुकुन्दाचार्य ने घोषणा की कि आगामी वर्ष तक यह मूर्ति पुनः स्थापित कर परशुराम जन्मोत्सव को और भव्य रूप से मनाया जाएगा।