Sunday, 18 May 2025

कमलेश प्रजापत फर्जी एनकाउंटर मामला: कोर्ट ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट खारिज की, 24 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश


कमलेश प्रजापत फर्जी एनकाउंटर मामला: कोर्ट ने CBI की क्लोजर रिपोर्ट खारिज की, 24 पुलिसकर्मियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने के आदेश

बाड़मेर राजस्थान के बहुचर्चित कमलेश प्रजापत फर्जी एनकाउंटर केस में एक बड़ा मोड़ आया है। बाड़मेर की विशेष अदालत ने CBI द्वारा दायर क्लोजर रिपोर्ट को खारिज करते हुए 24 पुलिसकर्मियों पर हत्या सहित गंभीर धाराओं में आपराधिक मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं। साथ ही तत्कालीन राजस्व मंत्री हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी, और तत्कालीन जोधपुर IG एन. गोगोई की भूमिका की CBI से दो माह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।

कोर्ट का स्पष्ट आदेश

बाड़मेर ACJM कोर्ट ने CBI की जांच से असहमति जताते हुए आदेश दिया कि प्रकरण को नियमित फौजदारी केस के रूप में दर्ज किया जाए और परिवादी जशोदा देवी को मुकदमे की पैरवी का अधिकार दिया जाए। कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी कर अभियुक्तों को तलब करने का भी निर्देश दिया।

इन पुलिसकर्मियों के खिलाफ IPC की धारा 302 (हत्या), 147 (दंगा), 148, 149, 120B (आपराधिक षड्यंत्र), और 201 (साक्ष्य मिटाना) के तहत मुकदमा दर्ज होगा।

जिन अधिकारियों पर केस दर्ज होगा उनमें प्रमुख नाम: कालूराम रावत (तत्कालीन SP, पाली),आनंद शर्मा (तत्कालीन SP, बाड़मेर),रजत विश्नोई (CO सुमेरपुर),पुष्पेंद्र आढ़ा, प्रेमप्रकाश, पर्बत सिंह (DySP / थानाधिकारी) साथ ही 18 अन्य पुलिसकर्मी इस केस में नामजद हैं।
हरीश चौधरी और IG गोगोई की भूमिका भी जांच के घेरे में: कोर्ट ने विशेष रूप से निर्देश दिए हैं कि तत्कालीन मंत्री हरीश चौधरी, उनके भाई मनीष चौधरी, और जोधपुर रेंज के तत्कालीन IG एन. गोगोई की भूमिका की CBI स्वतंत्र और निष्पक्ष जांच करे और 2 माह के भीतर रिपोर्ट पेश करे।

22 अप्रैल 2021 को पाली जिले के सदर थाना क्षेत्र में सेंट पॉल स्कूल के पीछे स्थित एक मकान में पुलिस कमलेश प्रजापत को पकड़ने गई थी। पुलिस का दावा था कि कमलेश ने SUV से भागने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने गोली मार दी और उसका एनकाउंटर कर दिया। समाज के लोगों ने इसे फर्जी एनकाउंटर करार देते हुए कई दिनों तक विरोध प्रदर्शन किया था।

विरोध को देखते हुए तत्कालीन गहलोत सरकार ने 31 मई 2021 को मामला CBI को सौंपा और 29 दिसंबर 2022 को CBI ने FIR दर्ज की। जांच के बाद CBI ने क्लोजर रिपोर्ट पेश की थी, जिसे अब कोर्ट ने खारिज कर दिया है।

    Previous
    Next

    Related Posts