Friday, 25 April 2025

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अधिकारियों को संदेश: मन की शुद्धता और कर्तव्यनिष्ठा से ही सुशासन संभव


मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का अधिकारियों को संदेश: मन की शुद्धता और कर्तव्यनिष्ठा से ही सुशासन संभव

जयपुर। सिविल सेवा दिवस 2025 के अवसर पर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने जयपुर स्थित ओटीएस (OTS) में आयोजित ‘सुशासन दिवस’ कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रदेश के सभी प्रशासनिक अधिकारियों से आत्ममंथन और कर्तव्यबोध की अपील की। उन्होंने कहा कि अधिकारी तय करें कि उन्हें देश, समाज और माता-पिता के सम्मान के लिए क्या करना चाहिए। अगर यह विचार मन में रहेगा तो न केवल चिंताएं दूर रहेंगी, बल्कि नींद भी सुकून भरी होगी।

मुख्यमंत्री शर्मा ने कहा कि कई अधिकारी उनके सामने ऐसे आते हैं, जो दिखाते कुछ और हैं, लेकिन उनके मन में असमंजस और चिंता होती है। ऐसी चिंताओं का कारण और कोई नहीं, बल्कि वे स्वयं होते हैं। जब हमारे मन में यह विश्वास होगा कि जिस दायित्व पर हम बैठे हैं, उसे पूरी निष्ठा और इच्छाशक्ति के साथ निभाना है, तब कोई चिंता नहीं सताएगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि मैं यह विश्वास आपको दिलाता हूं – मन की नीयत साफ हो तो रास्ता भी साफ होता है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने सीनियर अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि नई पीढ़ी के अधिकारी कोरे कागज़ की तरह आते हैं। वे आपसे सीखते हैं कि उन्हें किस तरह की स्याही इस्तेमाल करनी है। ऐसे में यह वरिष्ठ अधिकारियों की ज़िम्मेदारी है कि वे अपने अनुभव और दृष्टि से उन्हें सही राह दिखाएं। अगर आप किसी कनिष्ठ को अंधकार की ओर धकेलते हैं, तो यह न केवल उनके लिए बल्कि राष्ट्र के लिए भी गलत होगा।

उन्होंने कहा कि लोक सेवा में आए नए अधिकारी जिन रास्तों पर चलना नहीं चाहते, कई बार हम उन्हें उसी दिशा में ढकेल देते हैं, जिससे उनका भला नहीं, बल्कि बुरा होता है। यह हमारी सोच और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है कि हम कैसे अधिकारियों को तैयार करते हैं। हर सीनियर अधिकारी को यह समझना चाहिए कि उनका एक कदम, एक सलाह, किसी के करियर और सामाजिक जीवन को कितना प्रभावित कर सकती है।

मुख्यमंत्री शर्मा ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को निरंतर जनसुनवाई करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जब वे जिलों का दौरा करते हैं, तब कई छोटी-छोटी समस्याएं सामने आती हैं, जो जनसुनवाई से ही सुलझाई जा सकती हैं। परंतु अधिकारी केवल एक दिन जनसुनवाई कर अपनी ज़िम्मेदारी पूरी समझ लेते हैं और फिर डेढ़-दो महीने तक उसे भूल जाते हैं। यदि इसे नियमित रूप से किया जाए तो समस्याएं घटेंगी और जनता को राहत मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से अपील की कि वे इन जनसुनवाई मामलों की मॉनिटरिंग भी करें ताकि जनता के काम समयबद्ध और पारदर्शी तरीके से पूरे हों। इससे प्रशासनिक संतुलन मजबूत होगा और जनविश्वास भी बढ़ेगा।

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