बीते कई दिनों से कश्मीर घाटी में लगातार भारी बारिश हो रही थी, जिसकी वजह से ज़मीन पहले से ही पानी से संतृप्त थी। रविवार देर रात रामबन के कुछ हिस्सों में अचानक तेज़ बारिश और बादल फटने के कारण भारी तबाही मची। लैंडस्लाइड ने जम्मू-श्रीनगर हाईवे के कई हिस्सों को चट्टानों और मलबे से ढक दिया।
प्रशासन की अपील: जिला प्रशासन ने लोगों से नेशनल हाईवे से दूर रहने और अनावश्यक यात्रा से बचने की अपील की है। साथ ही आपदा प्रबंधन टीमें, पुलिस और स्थानीय वॉलंटियर्स राहत और बचाव कार्यों में जुटे हुए हैं।
पुलिस अधीक्षक रामबन ने बताया कि प्रभावित क्षेत्र से 100 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है। मृतकों की पहचान के प्रयास जारी हैं।
मौसम विज्ञान के अनुसार, बादल फटना (Cloudburst) एक स्थानीय और तीव्र वर्षा की घटना है, जिसमें बहुत कम क्षेत्रफल में अत्यधिक बारिश होती है। जब 20 से 30 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में एक घंटे या उससे कम समय में 100 मिलीमीटर या उससे ज्यादा वर्षा हो जाती है, तो इसे बादल फटना कहा जाता है। इसका प्रभाव अक्सर भूस्खलन, बाढ़ और जान-माल की हानि के रूप में सामने आता है।