सिरोही। ब्रह्माकुमारीज़ संस्था के सुरक्षा सेवा प्रभाग के राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ आज आबूरोड स्थित शांतिवन मुख्यालय में हुआ। सम्मेलन का विषय था "आंतरिक जागृति के माध्यम से आत्म-सशक्तीकरण", जिसमें देश के सशस्त्र बलों के जवानों को मानसिक एवं आत्मिक बल देने पर विशेष बल दिया गया।
इस अवसर पर केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह एवं मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने कार्यक्रम में शिरकत की और राजयोगिनी दादी स्व. रतन मोहिनी को पुष्पांजलि अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने संबोधन में कहा कि देश की सीमाओं की सुरक्षा -46 डिग्री से +46 डिग्री तापमान तक जवान अपने जीवन का स्वर्णकाल समर्पित कर करते हैं। उनके त्याग, तप और बलिदान के कारण ही आज देश सुरक्षित है।
उन्होंने कहा कि योग और अध्यात्म, जवानों के मन, आत्मा और शरीर में संतुलन लाकर उन्हें आत्मबल और मानसिक दृढ़ता प्रदान करते हैं। उन्होंने ब्रह्माकुमारी संस्था के कार्यों की सराहना करते हुए इसे विश्व शांति और मानवीय सद्भावना के क्षेत्र में अग्रणी बताया।
राजयोग, उन्होंने कहा, भारत की प्राचीन परंपरा का सार है, जो आज विश्व को "वसुधैव कुटुंबकम्" का संदेश दे रहा है।
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने गृह मंत्री अमित शाह का स्वागत करते हुए उन्हें देश की सुरक्षा और विकास नीति का शिल्पकार बताया। उन्होंने कहा कि शाह जी ने न केवल आंतरिक सुरक्षा, बल्कि आध्यात्मिक चेतना और सांस्कृतिक मूल्यों को भी सशक्त किया है।
मुख्यमंत्री ने अनुच्छेद-370 की समाप्ति, नक्सलवाद के विरुद्ध नीति, और शांति स्थापित करने के प्रयासों को ऐतिहासिक कदम बताया। उन्होंने कहा कि राजयोग और ध्यान जवानों को मानसिक शांति और स्थिरता प्रदान करते हैं, जो आधुनिक युग में अत्यंत आवश्यक है।
गृह मंत्री अमित शाह व मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सुरक्षा सेवा प्रभाग की सिल्वर जुबली लॉंचिंग की
"विश्व एकता एवं विश्वास हेतु ध्यान" को इस वर्ष की राष्ट्रीय थीम के रूप में उद्घाटित किया
ब्रह्माकुमारीज की प्रशासिका बीके मोहिनी दीदी ने राजयोग मेडिटेशन के लाभों पर प्रकाश डाला
बीके शुक्ला दीदी, बीके डॉ. मृत्युंजय भाई, और अन्य वरिष्ठ सदस्यों ने कार्यक्रम में भाग लिया
जल, थल, वायु सेना के अधिकारियों एवं जवानों की गरिमामयी उपस्थिति रही