Wednesday, 21 May 2025

कांग्रेस अधिवेशन में सचिन पायलट ने रखा ‘न्याय पथ’ प्रस्ताव, बोले – नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो; भाजपा के राष्ट्रवाद को बताया विभाजनकारी


कांग्रेस अधिवेशन में सचिन पायलट ने रखा ‘न्याय पथ’ प्रस्ताव, बोले – नफरत छोड़ो, भारत जोड़ो; भाजपा के राष्ट्रवाद को बताया विभाजनकारी

अहमदाबाद। कांग्रेस के 84वें अधिवेशन के दूसरे दिन कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने ‘न्याय पथ’ प्रस्ताव को अनुमोदन के लिए रखा और अपने सशक्त भाषण में वर्तमान राजनीतिक हालातों पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि 100 वर्ष पूर्व इसी दिन महात्मा गांधी कांग्रेस के अध्यक्ष बने थे, और यह संयोग भी है कि यह दिन सरदार पटेल की 150वीं जयंती का अवसर है।

सचिन पायलट ने कहा कि बीते दस वर्षों में देश में महंगाई, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता और धार्मिक ध्रुवीकरण ने समाज की एकता और संवेदनशीलता को बुरी तरह प्रभावित किया है। कांग्रेस अब नफरत, नकारात्मकता और निराशा के वातावरण को खत्म करने के लिए ‘न्याय पथ’ पर चलने को प्रतिबद्ध है।

उन्होंने भाजपा पर तीखा प्रहार करते हुए कहा, "जो लोग राष्ट्रवाद का चोला ओढ़कर वोट बटोरते हैं, उन्हें याद रखना चाहिए कि कांग्रेस का जन्म देश की आजादी के लिए हुआ था। कांग्रेस नेताओं ने देश की अखंडता की रक्षा के लिए छाती पर गोलियां खाईं — यही कांग्रेस का सच्चा राष्ट्रवाद है।"

सचिन पायलट ने भाजपा के राष्ट्रवाद को “विभाजनकारी और नकारात्मक” बताते हुए कहा, “कांग्रेस का राष्ट्रवाद देश को जोड़ने का है, जबकि भाजपा का राष्ट्रवाद देश को तोड़ने का है। विविधता में एकता कांग्रेस की ताकत है, और इसी को भाजपा मिटाना चाहती है।”

उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि "धर्म, जाति, क्षेत्रवाद, पहनावे और खानपान के आधार पर सत्ता हथियाने वालों को आईना दिखाया जाए।" पायलट ने याद दिलाया कि "राजीव गांधी के समय कांग्रेस के पास 400 सांसद थे, लेकिन तब भी हमने विपक्ष-मुक्त भारत की बात नहीं की थी।"

उन्होंने गुजरात में कांग्रेस की गहरी जड़ों का जिक्र करते हुए कहा कि “400 पार का सपना देखने वालों को देश पहले ही आईना दिखा चुका है।”

सरदार पटेल के 1948 के जयपुर अधिवेशन के उद्गार को दोहराते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस सदा से भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र मानती आई है और इसके लिए अंतिम सांस तक लड़ती रहेगी।

उन्होंने महिलाओं के सम्मान और अधिकारों की बात करते हुए एनी बेसेन्ट, सरोजिनी नायडू, इंदिरा गांधी, सोनिया गांधी का उल्लेख किया और हाल के वर्षों में महिला उत्पीड़न की घटनाओं – जैसे मणिपुर, हाथरस, उन्नाव और महिला पहलवानों के साथ हुए दुर्व्यवहार – पर भाजपा सरकार को घेरा।

किसानों को लेकर उन्होंने कहा, “हमने संकल्प लिया है कि किसानों को MSP पर कानूनी अधिकार देंगे। तीन काले कृषि कानूनों के विरोध में 700 से अधिक किसानों की शहादत को भाजपा भूल गई है, लेकिन कांग्रेस नहीं भूलेगी।”

आर्थिक असमानता पर बोलते हुए उन्होंने कहा कि आज 1% अमीर लोगों के पास 40% संपत्ति है, जबकि देश के 50% निचले तबके के पास सिर्फ 6.5% संपत्ति है।

उन्होंने मनमोहन सिंह सरकार की उपलब्धियों की चर्चा करते हुए कहा कि उस दौर में 27 करोड़ लोगों को गरीबी रेखा से बाहर लाया गया और GDP ग्रोथ 8% तक रही।

अंत में, उन्होंने ‘न्याय का संकल्प और संघर्ष का पथ’ का नारा देते हुए कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि "हर गांव, हर गली तक कांग्रेस की आवाज पहुंचे। राहुल गांधी जिस संकल्प के साथ आगे बढ़ रहे हैं, हमें उनके साथ कदम से कदम मिलाकर चलना है और राजनीतिक विजय के लिए संगठन को और सशक्त बनाना है।"

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