Thursday, 17 April 2025

जयपुर में NGO की आड़ में नाबालिग लड़कियों की तस्करी का खुलासा, फेसबुक से फंसाकर 2.5 लाख में किया जा रहा था सौदा


जयपुर में NGO की आड़ में नाबालिग लड़कियों की तस्करी का खुलासा, फेसबुक से फंसाकर 2.5 लाख में किया जा रहा था सौदा

जयपुर जिले के बस्सी थाना क्षेत्र में सोमवार को एक सनसनीखेज मामला सामने आया, जहां पुलिस ने एनजीओ की आड़ में नाबालिग लड़कियों की खरीद-फरोख्त करने वाले रैकेट का पर्दाफाश किया। पुलिस ने इस नेटवर्क की मास्टरमाइंड गायत्री विश्वकर्मा सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें दो ग्राहक भी शामिल हैं। आरोपियों पर जयपुर के तीन थाना क्षेत्रों में 10 से अधिक केस दर्ज हैं।

पुलिस की जांच में खुलासा हुआ कि आरोपी देशभर में फैले नेटवर्क के जरिए विशेष रूप से बिहार, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और उत्तर प्रदेश से गरीब परिवारों की लड़कियों को बहला-फुसलाकर जयपुर लाते और फर्जी दस्तावेजों के जरिए उनकी शादी करवा देते। विरोध करने पर नाबालिगों के साथ मारपीट की जाती और उन्हें नशे की हालत में रखा जाता। गायत्री लड़कियों के रंग-रूप और कद के आधार पर 2.5 लाख तक में सौदे तय करती थी, जबकि परिवारों को मामूली रकम दी जाती थी।

इस गोरखधंधे का पर्दाफाश तब हुआ जब यूपी निवासी एक नाबालिग लड़की, जिसे 16 दिन पहले सुजानपुरा रोड स्थित "गायत्री सर्व समाज फाउंडेशन" एनजीओ के माध्यम से विवाह के लिए बेचा गया था, वहां से किसी तरह भाग निकली। संस्था में बंधक बनी एक अन्य महिला सलमा ने उसकी मदद की। पीड़िता बलराम गोशाला पहुंची और वहां पुलिस को सूचना दी। पुलिस टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए गायत्री विश्वकर्मा, कोलवा (दौसा) निवासी हनुमान सिंह गुर्जर, नसीराबाद निवासी महेन्द्र मेघवंशी और भगवानदास मेघवंशी को गिरफ्तार किया।

एनजीओ की आड़ में चल रहे इस नेटवर्क में अब तक करीब 1500 से अधिक फर्जी शादियां कराने की बात सामने आई है। संचालिका गायत्री पहले कानोता में सक्रिय थी, लेकिन पिछले आठ वर्षों से सुजानपुरा के एक फार्महाउस से रैकेट चला रही थी। पुलिस ने इस मामले में गिरफ्तार आरोपियों को उत्तर प्रदेश पुलिस के सुपुर्द कर दिया है। थाना अधिकारी अभिजीत पाटिल, एसआई फूलबाई और कांस्टेबल राजेंद्र व हरिराम की सक्रियता से यह बड़ा नेटवर्क बेनकाब हुआ।

डीसीपी ईस्ट तेजस्विनी गौतम ने बताया कि इस मामले में भगवानदास (27), महेंद्र (45) और हनुमान सिंह (32) को भी गिरफ्तार किया है। एक महिला को भी राउंडअप किया है, जिसे नौकरी का झांसा देकर वहीं पर रखा था। पुलिस को यह कार्रवाई मुखबिर की सूचना पर 6 अप्रैल को करनी पड़ी, जब एनजीओ में लड़कियों को बंधक बनाए जाने और जबरन शादी करवाने की बात सामने आई।

पुलिस की शुरुआती जांच में सामने आया है कि एनजीओ संचालिका गायत्री विश्वकर्मा पहले कानोता क्षेत्र में यह रैकेट चला रही थी, लेकिन बढ़ते मुकदमों के कारण उसने बस्सी के सुजानपुरा गांव स्थित फार्म हाउस को नया अड्डा बना लिया। आरोपी लड़कियों के फर्जी दस्तावेज तैयार करवाकर उनसे अवैध विवाह कराते थे। एक 16 वर्षीय उत्तर प्रदेश निवासी नाबालिग लड़की का 2.5 लाख रुपये में सौदा कर शादी करवा दी गई थी। बाद में उसे परेशान कर जयपुर लाया गया।

एनजीओ में बंधक बनाई गई एक महिला सलमा की मदद से उक्त नाबालिग लड़की किसी तरह भाग निकली और उसने बलराम गोशाला पहुंचकर पुलिस को आपबीती सुनाई, जिसके बाद एनजीओ पर छापा मारा गया। लड़कियों को नशे की डोज देकर अवैध विवाह के लिए मजबूर किया जाता था। शारीरिक बनावट और रंग के आधार पर सौदा तय होता था।

पुलिस अब इस गिरोह के अन्य सदस्यों और नेटवर्क की तलाश में है। प्रारंभिक रिपोर्ट के अनुसार गायत्री के खिलाफ जयपुर के कानोता, खोह नागोरियान और ट्रांसपोर्ट नगर थानों में करीब 10 आपराधिक मामले पहले से ही दर्ज हैं।

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