अहमदाबाद कांग्रेस कार्यसमिति (CWC) की बैठक में मंगलवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा और संघ पर तीखे हमले किए। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राहुल गांधी ने आत्ममंथन करते हुए कहा कि “हम दलित, मुस्लिम और ब्राह्मण में उलझे रहे और ओबीसी (पिछड़ा वर्ग) हमसे दूर हो गया।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि “हम मुस्लिमों की बात करते हैं, इसलिए हमें मुस्लिम परस्त कहा जाता है, लेकिन इससे डरने की जरूरत नहीं है, हमें हर जरूरी मुद्दा उठाना जारी रखना है।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा और आरएसएस पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि “गांधी का चश्मा-छड़ी तो चुराई जा सकती है, लेकिन उनके आदर्श नहीं अपनाए जा सकते।” खड़गे ने सरदार पटेल और नेहरू के रिश्तों का उल्लेख करते हुए भाजपा द्वारा सरदार पटेल की विरासत पर दावे को "हास्यास्पद और झूठा" करार दिया। उन्होंने याद दिलाया कि पटेल और गांधी ने संविधान सभा में बाबा साहेब अंबेडकर को लाने में अहम भूमिका निभाई थी।
खड़गे ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने गांधी और अंबेडकर का अपमान किया है, “पहले संसद परिसर से मूर्तियां हटाई गईं, फिर अमित शाह ने राज्यसभा में अंबेडकर पर अपमानजनक टिप्पणी की।” उन्होंने आरोप लगाया कि आरएसएस ने गांधी, नेहरू और अंबेडकर के पुतले जलाए थे और आज वही लोग संविधान की रक्षा का दावा कर रहे हैं।
उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस पार्टी संविधान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। सरदार पटेल, नेहरू और गांधी जैसे नेताओं की विरासत कांग्रेस की विचारधारा का मूल है। अहमदाबाद में सरदार पटेल म्यूजियम में आयोजित CWC की बैठक इस बात का प्रतीक है कि कांग्रेस इस विरासत को जीवंत रखे हुए है।
मुलाकात के अन्य अहम बिंदु:
2025 को संगठन समर्पित वर्ष घोषित किया गया है।
कांग्रेस नेतृत्व जिला अध्यक्षों को और जवाबदेह बनाएगा।
अधिवेशन से 'न्यायपथ' नाम से प्रस्ताव पारित किया जाएगा।
गुजरात में संगठन को मजबूत करने की रणनीति पर भी चर्चा।